कोर्ट की कड़ी टिप्पणी से मचा हड़कंप
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बिना मान्यता स्कूल चलाने वाले संस्थानों पर कड़ा रुख अपनाया है। राज्य में 330 से अधिक ऐसे नर्सरी स्कूल 12 वर्षों से बच्चों के भविष्य से खेल रहे थे।
मर्सिडीज में घूम रहे, बच्चों को धोखा
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने कहा, “स्कूल संचालकों ने मोहल्लों में स्कूल खोलकर लाखों कमाए और अब मर्सिडीज चला रहे हैं।” कोर्ट ने ऐसे सभी बिना मान्यता स्कूल पर कार्रवाई का आदेश दिया है।
पांच लाख का मिलेगा मुआवजा
प्रत्येक प्रभावित बच्चे को ₹5 लाख का मुआवजा दिलाने की बात कोर्ट ने कही है। साथ ही बच्चों को अन्य वैध स्कूलों में शिफ्ट करने का निर्देश भी दिया गया है।
सरकार से रिपोर्ट तलब
अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि जब 2013 से मान्यता अनिवार्य थी, तो इतने वर्षों तक बिना मान्यता स्कूल कैसे चलते रहे? सरकार को 13 अगस्त तक रिपोर्ट देने का निर्देश मिला है।
नियम बदलकर स्कूलों को बचाया
याचिकाकर्ता ने बताया कि सरकार ने जानबूझकर नियमों को पीछे की तारीख से बदला। कोर्ट ने साफ कहा कि ये कोशिशें सिर्फ बड़े बिना मान्यता स्कूल संचालकों को बचाने के लिए की गईं।
अपराध दर्ज करने के आदेश
फर्जी तरीके से फीस वसूलने और गलत प्रमाणपत्र देने वाले बिना मान्यता स्कूल पर कोर्ट ने क्रिमिनल केस दर्ज करने को कहा है।