जयपुर, 17 जून (हि.स.)
उत्तराखंड के केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए पायलट राजवीर सिंह चौहान का अंतिम संस्कार मंगलवार को जयपुर के चांदपोल मोक्षधाम में सैन्य सम्मान के साथ किया गया। रविवार 15 जून को हुए इस भीषण हादसे में पायलट राजवीर सहित सात लोगों की मौत हो गई थी।
सोमवार देर रात जब उनका पार्थिव शरीर शास्त्री नगर स्थित घर पहुंचा, तो पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। घर पर मौजूद माता-पिता बेटे की अंतिम झलक तक नहीं देख सके। शरीर की स्थिति बेहद खराब थी। बूढ़े मां-बाप सिर्फ एक ही वाक्य दोहराते रहे—“हमारा सब कुछ चला गया।”
👮♀️ पत्नी ने सैन्य सलामी देकर दी विदाई
राजवीर की पत्नी दीपिका सिंह, जो खुद आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, अपने पति की अंतिम यात्रा में आर्मी यूनिफॉर्म में शामिल हुईं। उनके हाथों में राजवीर की तस्वीर थी और आँखों में आंसू। जब शव यात्रा मोक्षधाम पहुंची, तो “राजवीर अमर रहें” के नारों से माहौल गूंज उठा। लोगों की आंखें नम थीं और हृदय भारी।
दीपिका ने अपने पति को आर्मी सैल्यूट देकर अंतिम विदाई दी। सुबह 10:30 बजे भतीजे ने उन्हें मुखाग्नि दी।
✈ सेना से सेवा-निवृत्त होकर बने थे निजी पायलट
राजवीर सिंह चौहान सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल पद से रिटायर होकर एक निजी एविएशन कंपनी में बतौर हेलीकॉप्टर पायलट कार्यरत थे। वे हाल ही में जुड़वां बेटों के पिता बने थे।
राजवीर के छोटे भाई चंद्रवीर सिंह ने बताया कि राजवीर उस दिन हेलीकॉप्टर टीम को लीड कर रहे थे। उन्होंने हादसे से ठीक पहले पीछे उड़ रहे पायलट को मौसम की खराबी की सूचना भी दी थी। लेकिन सुबह करीब 5:20 बजे उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
🚁 केदारनाथ हादसे में सात की गई थी जान
यह हादसा उस वक्त हुआ जब केदारनाथ के दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं को ले जा रहे हेलीकॉप्टर को खराब मौसम के चलते दिशा और संतुलन खोने की स्थिति का सामना करना पड़ा। इसमें राजवीर समेत सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
🔚 अंतिम शब्द
इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह याद दिलाया कि सैनिक चाहे ड्यूटी पर हो या रिटायर, वह हर हाल में राष्ट्र और सेवा भावना के प्रति समर्पित रहता है। पायलट राजवीर सिंह चौहान की वीरता और समर्पण को देश नमन करता है।