जगदलपुर, 3 जून (हि.स.)। बस्तर जिले के 485 राशन दुकानदार आज मंगलवार को भी अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहे। सालों से मांगों के पूरा नहीं होने से नाराज दुकानदारों ने इसके लिए स्थानीय जिला प्रशासन और सरकार को दोषी ठहराया ।
दुकानदारों ने कहा कि, हम बिना किसी परेशानी के समय पर जिले के दो लाख से अधिक परिवारों को राशन बांट रहे हैं । आए दिन मशीन में आने वाली खराबी और अन्य कारण वश हमारा टकराव लोगों से होता है। बावजूद इसके हम अपनी जिम्मेदारी का पालन कर रहे हैं । लेकिन सरकार को हमारी चिंता नहीं है। एक ही चावल को बांटने के लिए मिलने वाला कमीशन में काफी अंतर है । केंद्र सरकार के चावल को बांटने के लिए हमें एक क्विंटल के पीछे 90 पैसा कमीशन का मिलता है, जबकि राज्य सरकार का चांवल बांटने के लिए हमें केवल 30 पैसे प्रति क्विंटल के मान से कमीशन से दिया जा रहा है। विक्रेता संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि प्रशासन शीघ्र कोई ठोस निर्णय नहीं लेता है, तो इस माह से प्रस्तावित तीन माह का एक मुश्त राशन वितरण भी रोक दिया जाएगा ।
राशन दुकानदारों की हड़ताल के चलते बस्तर जिले में एक जून से लेकर सात जून तक मनाया जाने वाला चावल उत्सव लगभग खटाई में पड़ गया है । इस उत्सव को लेकर जिले में कहीं पर भी कोई तैयारी नहीं दिख रही है । इधर दूसरी ओर संभागीय मुख्यालय स्थित पुरानी कृषि उपज मंडी में धरना प्रदर्शन कर रहे राशन दुकानदारों ने कहा कि तीन महीने का चावल एक साथ दिए जाने की योजना के तहत अब तक किसी भी राशन दुकान में चावल का भंडारण नहीं हुआ है।
राशन विक्रेता संघ के प्रदेश सह सचिव अजंबर सेठिया ने बताया कि, विगत वर्ष हमने भूख हड़ताल किया था, जिसके बाद शासन के द्वारा आश्वासन दिया गया था। पर एक साल बाद भी ध्यान नहीं दिया गया, इसलिए पुनः हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं । जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होंगी, दुकाने बंद रहेंगी । हमारी मांगों को पूरा कराने का आश्वासन देने और हड़ताल को खत्म कराने के तहत खाद्य विभाग का कोई अधिकारी धरना स्थल पर नहीं आया है। जब तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं आता है, तब तक हम मांगों का ज्ञापन भी जिला प्रशासन या खाद्य विभाग को नहीं सौंपेंगे।