—पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय का घेराव करने जा रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका
वाराणसी,30 जनवरी (हि.स.)। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और नागरिक आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को प्रदेश सरकार के नीतियों के खिलाफ संयुक्त रूप से नारेबाजी करते हुए प्रतिरोध मार्च निकाला। रविन्द्रपुरी स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर के मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुरूधाम कॉलोनी स्थित संसदीय कार्यालय का घेराव करने के लिए जैसे ही आगे बढ़े पुलिस अफसरों ने फोर्स के साथ उन्हें रोक लिया। इससे नाराज गठंबधन दलों के नेताओं की पुलिस अफसरों से जमकर नोकझोंक भी हुईं। कुछ देर तक कार्यालय जाने के लिए जिद पर अड़े कार्यकर्ताओं ने अफसरों से धक्का-मुक्की के बाद 26 सूत्रीय ज्ञापन भेलूपुर एसीपी को सौंप दिया।
विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस के स्थानीय महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे ने बताया कि 30 दिनों के अंदर ज्ञापन में बताए गए समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो बनारस बंद का ऐलान किया जाएगा। समाजवादी पार्टी के वाराणसी जिलाध्यक्ष सुजीत यादव ‘लक्कड़’ ने आरोप लगाया कि प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने बनारस को पुलिसिया राज में तब्दील कर दिया है। पुलिस कमिश्नरेट लाकर बनारस में लोकतंत्र को कमज़ोर कर दिया गया है और संविधान की जगह मनुस्मृति के तहत शहर को संचालित करने की कोशिश हो रही है।
बनारस विकास के नाम पर जमीन लूट का केंद्र बन गया है। प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन कर दो मिनट मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल श्रीवास्तव ,राजेश्वर पटेल(जिलाध्यक्ष वाराणसी),पूर्व जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा,पार्टी प्रवक्ता संजीव सिंह,गुलशन अली,डॉ राजेश गुप्ता,वकील अंसारी,सतनाम सिंह आदि के अलावा सपा के विष्णु शर्मा,दुर्गा प्रसाद गुप्ता, आनंद मौर्य , संतोष यादव, मनीष शर्मा(कम्युनिस्ट फ्रंट) आदि शामिल रहे।