धनबाद, 13 अक्टूबर (हि.स.)। आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में सोमवार से तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन क्रिटिकल मेटल्स, रीसाइक्लिंग, इनोवेशन, सेपरेशन एंड प्रोसेसिंग (CRISP-2025) का शुभारंभ हुआ। इसमें देश-विदेश के वैज्ञानिक, नीति निर्माता और उद्योग विशेषज्ञ शामिल हुए।
डॉ. वीके सारस्वत का संदेश
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके सारस्वत ने कहा कि भारत को लिथियम, कोबाल्ट, निकल और रेयर अर्थ एलिमेंट्स में आत्मनिर्भर बनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने सेकेंडरी रिसोर्स वैलोराइजेशन, बायो-लीचिंग, एडवांस्ड सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन और AI आधारित प्रोसेस मॉनिटरिंग अपनाने की जरूरत पर जोर दिया।
पायलट प्लांट और अकादमिक पहल
डॉ. सारस्वत ने आईआईटी (आईएसएम) में क्रिटिकल मिनरल्स के पायलट प्लांट स्थापित करने और इसे अकादमिक पाठ्यक्रमों में शामिल करने की भी सलाह दी। इंडस्ट्री और अकादमिक्स के सहयोग से तकनीकों को इंडस्ट्रियल स्तर पर लागू कर सर्कुलर इकॉनमी को बढ़ावा देने पर बल दिया।
भविष्य की तैयारी
IIT (ISM) के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि क्रिटिकल मिनरल्स भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने शोधकर्ताओं से नवाचार और सहयोग के माध्यम से देश को वैश्विक हब बनाने का आह्वान किया।