नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (हि.स)। भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच 10 मार्च 2024 को हस्ताक्षरित व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (टीईपीए) अब 1 अक्टूबर से प्रभावी हो गया। यह भारत का चार विकसित यूरोपीय देशों के साथ पहला मुक्त व्यापार समझौता है।
ईएफटीए के सदस्य देश अगले 15 वर्षों में भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश और 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पहला भारतीय एफटीए है जिसमें निवेश और रोजगार सृजन पर बाध्यकारी संकल्प जाहिर किया गया है।
टीईपीए के प्रमुख पहलू
टीईपीए में 14 अध्याय शामिल हैं, जिनमें वस्तुओं के लिए बाज़ार पहुंच, व्यापार सुगमता, निवेश प्रोत्साहन, सेवाएं, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) और सतत विकास जैसे क्षेत्र शामिल हैं। यह समझौता आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को ईएफटीए की विविध साझेदारियों के साथ जोड़ता है।
इस समझौते के दायरे में ईएफटीए की सीमा शुल्क सूची की 92.2 प्रतिशत उत्पाद प्रविष्टियां और भारतीय सीमा शुल्क सूची की 82.7 प्रतिशत उत्पाद प्रविष्टियां आती हैं। इससे डेयरी, सोया, कोयला और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों का संरक्षण होगा। इसके अलावा डिजिटल डिलीवरी, वाणिज्यिक उपस्थिति और पेशेवर गतिशीलता में आपसी मान्यता समझौतों (MRAs) से सेवा निर्यात को लाभ मिलेगा।
ईएफटीए के बारे में
ईएफटीए में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। इसकी स्थापना 1960 में हुई थी और यह यूरोप के तीन प्रमुख आर्थिक समूहों में से एक है। टीईपीए से भारत और ईएफटीए देशों के बीच गहरे आर्थिक संबंध और नवाचार में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।