जम्मू, 30 जून (हि.स.) – जम्मू-कश्मीर के पुंछ-राजौरी सेक्टर में एक बार फिर भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद की घुसपैठ योजना को नाकाम कर दिया है। शनिवार रात हुई इस कार्रवाई में दो आतंकवादी ढेर हुए हैं और एक स्थानीय गाइड को गिरफ्तार किया गया है।
🔍 कैसे चला ऑपरेशन?
- 29 जून को खुफिया इनपुट मिलने के बाद राजौरी के केरी सेक्टर में संदिग्ध गतिविधि देखी गई।
- यह स्थान अमरनाथ यात्रा के दृष्टिकोण से संवेदनशील है, जहां सुरक्षा पहले से कड़ी थी।
- भारतीय जवानों ने एलओसी पर निगरानी बढ़ाई और घुसपैठियों को घेरकर मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया।
🧨 क्या बरामद हुआ?
सेना ने ऑपरेशन के बाद हथियार, ग्रेनेड, विस्फोटक, और युद्ध जैसी सामग्री बरामद की है। गिरफ्तार किए गए गाइड से पूछताछ जारी है, जिससे आतंकी नेटवर्क के बारे में अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है।
🛰️ सुरक्षा कड़ी, सेना हाई अलर्ट पर
- एलओसी पर निगरानी और संसाधन बढ़ाए गए हैं।
- पुंछ और राजौरी में हाई अलर्ट जारी है।
- इस समय अमरनाथ यात्रा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
📍 जानिए: पुंछ और राजौरी के बारे में
➤ पुंछ और राजौरी कहाँ स्थित हैं?
ये दोनों जिले जम्मू-कश्मीर के पश्चिमी भाग में स्थित हैं, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से सटे हैं।
➤ राजौरी का पुराना नाम क्या था?
राजौरी का पुराना नाम राजपुरी माना जाता है। यह क्षेत्र प्राचीन हिन्दू और बौद्ध सभ्यता से जुड़ा रहा है।
➤ राजौरी क्यों प्रसिद्ध है?
- सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला होने के साथ-साथ
- राजौरी और पुंछ की संवेदनशील सीमा स्थिति के कारण यह अक्सर सुरक्षा एजेंसियों की प्राथमिकता में रहता है।
- यहाँ के मनोहारी पहाड़ी दृश्य और प्राकृतिक सुंदरता भी प्रसिद्ध हैं।
Q. जैश-ए-मोहम्मद क्या है?
एक पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन, जिसे भारत, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन घोषित किया है।
Q. क्या पुंछ-राजौरी अमरनाथ यात्रा मार्ग पर है?
जी हां, यह क्षेत्र सुरक्षा के लिहाज़ से अमरनाथ यात्रा के लिए बेहद अहम है।
Q. सेना को कैसे मिला आतंकियों का इनपुट?
सेना को इंटेलिजेंस एजेंसियों से जानकारी मिली थी कि जैश की घुसपैठ की कोशिश हो सकती है।
🔚 निष्कर्ष
भारतीय सेना की त्वरित और सटीक कार्रवाई ने एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया है। यह ऑपरेशन इस बात का सबूत है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां हर चुनौती के लिए तैयार हैं।
अमरनाथ यात्रा और सीमावर्ती इलाकों में अब और अधिक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।