नई दिल्ली | 26 दिसंबर
भारतीय बैडमिंटन के लिए 2025 आत्ममंथन का साल रहा, लेकिन 2026 वापसी और विजय का वर्ष बनने जा रहा है। सीमित सफलताओं, चोटों और शुरुआती हारों के बावजूद भारतीय शटलरों ने संघर्ष और जुझारूपन दिखाया, जो अब बड़े मंचों पर चमकने को तैयार है।
2025 की झलक: चुनौतियां और उम्मीद
पीवी सिंधु, एचएस प्रणॉय और किदांबी श्रीकांत जैसे अनुभवी खिलाड़ी निरंतरता के लिए जूझते रहे।
लेकिन लक्ष्य सेन का ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब,
गायत्री गोपीचंद-त्रिशा जॉली की सैयद मोदी जीत
और सात्विक-चिराग का वर्ल्ड चैंपियनशिप कांस्य
ने साल को उम्मीदों से भरा रखा।
युवा सितारे भी चमके —
आयुष शेट्टी ने यूएस ओपन जीता और
16 वर्षीय तन्वी शर्मा ने वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर भविष्य की तस्वीर साफ कर दी।
🔥 2026: स्वर्णिम अवसरों का साल
2026 भारतीय बैडमिंटन के लिए ऐतिहासिक होने वाला है क्योंकि भारत 17 साल बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा।
🏸 बड़े टूर्नामेंट 2026
| टूर्नामेंट | स्थान | महत्व |
|---|---|---|
| मलेशिया ओपन (Super 1000) | जनवरी | साल की धमाकेदार शुरुआत |
| इंडिया ओपन (Super 750) | जनवरी | घरेलू जीत का मौका |
| एशिया टीम चैंपियनशिप | चीन | भारत महिला टीम डिफेंडिंग चैंपियन |
| ऑल इंग्लैंड ओपन | मार्च | 24 साल से खिताबी सूखा |
| एशियन चैंपियनशिप | अप्रैल | महाद्वीपीय वर्चस्व |
| थॉमस-उबर कप | अप्रैल-मई | भारत का स्वर्ण सपना |
| वर्ल्ड चैंपियनशिप | अगस्त | घरेलू इतिहास रचने का मौका |
| एशियन गेम्स | सितंबर | बहु-खेल पदक लक्ष्य |
| वर्ल्ड टूर फाइनल | दिसंबर | सात्विक-चिराग का स्वर्ण मिशन |
🌟 भारतीय सितारों की नजरें
- पीवी सिंधु – आखिरी बड़े खिताब की तलाश
- लक्ष्य सेन – वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना
- सात्विक-चिराग – पुरुष युगल में विश्व नंबर-1 बनने की तैयारी
- तन्वी शर्मा – भविष्य की ओलंपिक उम्मीद
🏆 निष्कर्ष
अनुभव, युवा ऊर्जा और घरेलू समर्थन के साथ भारतीय बैडमिंटन 2026 में इतिहास रचने के लिए तैयार है।
वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन गेम्स और थॉमस कप — हर मंच पर तिरंगा ऊंचा करने का सपना अब हकीकत बन सकता है।




