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इंदौर-देवास हाईवे पर 24 घंटे का भीषण जाम, इलाज के लिए जा रहे 3 लोगों की मौत – प्रशासन पर उठे सवाल

गुरुवार शाम से इंदौर-देवास हाईवे पर लगा भारी जाम शुक्रवार रात तक भी खत्म नहीं हुआ।
इस 8 किमी लंबी लाइन में करीब 4,000 से ज्यादा वाहन फंसे रहे।

परिणाम?
तीन लोगों की जान चली गई।

⚠️ क्यों लगा इतना बड़ा जाम?

  • हाईवे पर निर्माण कार्य चल रहा था
  • भारी बारिश की वजह से जलभराव और कीचड़ हो गया
  • ट्रैफिक को संकरी सर्विस लेन पर डायवर्ट किया गया
  • नतीजा – वाहनों की रफ्तार थम गई, और लोग घंटों फंसे रहे

☠️ इन तीन लोगों की गई जान

1. कमल पंचाल (62) – इंदौर के बिजलपुर के किसान

  • बहन के शोक समारोह में शामिल होने जा रहे थे
  • घबराहट और सांस लेने में तकलीफ हुई
  • डेढ़ घंटे तक जाम में फंसे रहे
  • अस्पताल पहुंचने से पहले मौत

2. बलराम पटेल (55) – शुजालपुर निवासी, कैंसर मरीज

  • दो ऑक्सीजन सिलेंडरों में से एक खत्म हो गया
  • ट्रैफिक में फंसे रहे, समय पर नहीं पहुंचे
  • चोइथराम अस्पताल में मृत घोषित

3. संदीप पटेल (32) – गारी पिपलिया निवासी

  • दिल का दौरा पड़ा
  • मांगलिया से इंदौर ले जाते समय 3 घंटे ट्रैफिक में फंसे
  • दम तोड़ दिया

📸 स्थिति इतनी खराब थी कि…

  • कई स्कूल बसें जाम में फंसी रहीं
  • परिजन बाइक से बच्चों को लेने आए
  • ट्रैफिक पुलिस मौके से गायब थी या बेहद कम संख्या में थी
  • लोगों ने प्रशासन की घोर लापरवाही पर नाराजगी जताई

🧾 प्रशासन की सफाई और बैठकें

  • डीएसपी उमाकांत चौधरी बोले – “निर्माण और बारिश की वजह से जाम लगा, हमने स्थिति संभाली।”
  • कलेक्टर आशीष सिंह ने शुक्रवार शाम आपात बैठक बुलाई
  • निर्देश:
    • मानसून में समन्वय ज़रूरी
    • जहां जाम की आशंका हो, वहां तत्काल कार्रवाई हो
    • चालानी कार्रवाई नहीं होगी – समाधान पहले

📩 राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आई

देवास कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने इंदौर और देवास कलेक्टर को पत्र लिखा:

  • जब तक पुल बन नहीं जाता, तब तक
    • सर्विस रोड पहले बनाए जाएं
    • टोल टैक्स वसूली रोकी जाए

❓ इतना लंबा जाम क्यों लगा?

हाईवे पर पुल निर्माण, सर्विस लेन की कमी और बारिश ने स्थिति बिगाड़ दी।

❓ कितनी गाड़ियां फंसी थीं?

करीब 4,000 गाड़ियां – बसें, एम्बुलेंस, निजी वाहन सभी।

❓ क्या प्रशासन तैयार था?

स्थानीय लोग कहते हैं – नहीं। मौके पर पुलिस की मौजूदगी ना के बराबर थी।

❓ क्या अब रास्ता साफ है?

शुक्रवार देर रात से वाहनों का धीरे-धीरे निकलना शुरू हुआ।

📌 निष्कर्ष (Conclusion)

यह हादसा सिर्फ बारिश या निर्माण का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है।
जब बीमार लोग ट्रैफिक में दम तोड़ते हैं, तो यह विकास कार्य नहीं, विनाश कार्य लगता है।

🔁 Call to Action (CTA)

क्या आपके साथ भी ट्रैफिक की वजह से ऐसी कोई घटना हुई है?
👇 नीचे कमेंट में अपना अनुभव शेयर करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

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