📍 हिसार, 5 जून (हि.स.) — प्रख्यात पर्यावरणविद एवं रमन मैग्सेसे अवार्डी पद्मश्री एमसी मेहता ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत अपने घरों से करनी होगी ताकि हम दूसरों को जागरूक कर सकें। केवल 5 जून को ही पर्यावरण दिवस मनाकर खानापूर्ति नहीं करनी चाहिए, बल्कि हमें हर दिन पर्यावरण दिवस मनाना चाहिए।
🌿 कार्यक्रम का आयोजन
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के सौजन्य से ‘प्लास्टिक प्रदूषण पर पूर्ण विराम’ विषय पर विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में पद्मश्री एमसी मेहता मुख्य अतिथि थे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अध्यक्षता की। पंजाब विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रो. एससी जैन और कुलसचिव डॉ. विजय कुमार विशिष्ट अतिथि रहे।
🏢 रिसोर्स मैनेजमेंट एवं सस्टेनेबिलिटी सेंटर का लोकार्पण
एमसी मेहता ने विश्वविद्यालय में नवनिर्मित ‘रिसोर्स मैनेजमेंट एवं सस्टेनेबिलिटी सेंटर’ का उद्घाटन किया, जहां प्रतिदिन विश्वविद्यालय परिसर से 1.5 टन कचरे को वैज्ञानिक तरीके से संसाधित करके संसाधन में बदला जाएगा।
💬 मेहता के विचार
उन्होंने कहा कि प्रदूषण रोकने का भार केवल सरकार पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। आम जनता, शिक्षाविदों और युवाओं को जागरूक बनाना होगा तभी पर्यावरण संरक्षण संभव होगा। उन्होंने कुलपति से आग्रह किया कि विद्यार्थियों को अलग-अलग क्लब बनाकर गांवों में जागरूकता फैलाने भेजा जाए।
❓ छात्रों के सवालों के जवाब
छात्रों व शिक्षकों के प्रश्नों का जवाब देते हुए मेहता ने कहा कि यदि कचरे का सही निष्पादन किया जाए तो बाहर की कंपनियां भी इसे खरीद लेती हैं, जो पर्यावरण संरक्षण में मददगार है।
🌟 सार
एमसी मेहता का संदेश है कि पर्यावरण संरक्षण को केवल एक दिन का कार्यक्रम न बनाकर दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना होगा, और इस दिशा में शिक्षा एवं सामूहिक जागरूकता बेहद आवश्यक है।