📍 तेल अवीव, 13 जून (हि.स.) — पश्चिम एशिया में तनाव और अधिक गहराता जा रहा है। इजराइल द्वारा ईरान के परमाणु केंद्रों और सैन्य कमांडरों पर हमले के कुछ ही घंटों बाद ईरान ने प्रतिशोध में 100 से अधिक ड्रोन दागकर इजराइल पर हमला कर दिया।
🔥 क्या हुआ था?
- शुक्रवार सुबह, इजराइल ने ईरान की परमाणु सुविधाओं, वैज्ञानिकों और शीर्ष सैन्य कमांडरों को निशाना बनाते हुए एक व्यापक हवाई हमला किया।
- हमले के बाद ईरान में तीखी प्रतिक्रिया हुई और कुछ ही घंटों में ईरान ने इजराइल पर ड्रोन हमलों से पलटवार किया।
🛡️ इजराइल की प्रतिक्रिया:
- इजराइली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने हमले की पुष्टि की।
- IDF के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफ़ी डेफ्रिन ने कहा कि इजराइल की हवाई सुरक्षा प्रणाली सक्रिय हो गई है और कई ईरानी ड्रोन को रोकने में सफलता मिली है।
- डेफ्रिन के मुताबिक, इजराइल ने ईरान की हवाई सुरक्षा को भी नष्ट कर दिया है और उसके कई शीर्ष कमांडरों को मार गिराया गया है।
- इस सैन्य अभियान को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने “ऑपरेशन राइजिंग लायन” का नाम दिया है।
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
- नाटो महासचिव मार्क रूटे ने कहा, “यह इजराइल की एकतरफा कार्रवाई थी। अमेरिका समेत सभी सहयोगियों को अब तनाव कम करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।”
- उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “फिलहाल यह क्षेत्र परमाणु संघर्ष के कगार पर नहीं है।”
⚠️ वर्तमान स्थिति:
- इजराइल और ईरान के बीच सीधा सैन्य टकराव अब एक खुले संघर्ष में तब्दील होता दिख रहा है।
- हालांकि इजराइल का कहना है कि उसने अधिकतर ड्रोन हमलों को विफल किया है, लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है।
- दोनों पक्षों की सेनाएं उच्चतम अलर्ट पर हैं।
🧭 विश्लेषण:
- यह घटना केवल इजराइल और ईरान तक सीमित नहीं, बल्कि इससे पूरा मध्य-पूर्व क्षेत्र अस्थिर हो सकता है।
- अमेरिका, नाटो और अन्य वैश्विक शक्तियां स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और किसी बड़े युद्ध को टालने के लिए कूटनीतिक प्रयास शुरू कर सकती हैं।