जयपुर, 30 सितंबर। शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि मंगलवार को जयपुर सहित प्रदेशभर के देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भक्ति और श्रद्धा का समागम देखने को मिला। मंदिरों में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने माता रानी के समक्ष ज्योति प्रज्वलित कर हलवे का भोग अर्पित किया। कई घरों में परंपरागत रूप से कन्याओं और बटुकों का पूजन कर उन्हें भोजन कराया गया। लोग कन्याओं के पैर धोकर आशीर्वाद प्राप्त करते और उन्हें पारंपरिक व्यंजनों के साथ उनकी पसंद के पकवान परोसते दिखे।
राजधानी में निवास कर रहे पश्चिम बंगाल के श्रद्धालुओं ने विभिन्न दुर्गा पांडालों में महाअष्टमी पूजन किया। महिषासुर मर्दिनी, मां लक्ष्मी और मां काली की प्रतिमाओं के समक्ष पुष्प अर्चना की गई। मंत्रोच्चार, शंखनाद और पारंपरिक ढाक की ध्वनि से वातावरण भक्तिमय रहा। सांस्कृतिक आयोजनों में बच्चों और युवाओं ने नृत्य-गीत प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को भावविभोर किया।
राजा पार्क वैष्णो देवी मंदिर में अष्टमी के दिन कन्या पूजन का आयोजन किया गया। भक्तों ने श्रद्धा और आस्था के साथ कन्याओं का पूजन कर प्रसादी अर्पित की। आमेर रोड स्थित ठिकाना मंदिर और प्राचीन शिला माता मंदिर में भी विशेष संधि पूजन और अनुष्ठान संपन्न हुए। इस अवसर पर माता के विशेष श्रृंगार और चंडी पाठ का आयोजन किया गया।
दुर्गापुरा, पुरानी बस्ती, घाटगेट, झालाना डूंगरी सहित विभिन्न मंदिरों में भी अष्टमी तिथि पर विशेष पूजा-अर्चना और संगीतमय भजन-अर्चना का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने माता की आराधना कर परिवार और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की।
अष्टमी पर्व ने जयपुर के देवी मंदिरों में भक्ति, श्रद्धा और सांस्कृतिक उत्सव का अद्भुत समागम प्रस्तुत किया।