जयपुर, 01 अक्टूबर।
शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर राजधानी जयपुर में घर-घर कन्या पूजन और महानवमी उत्सव धूमधाम से मनाया गया। बुधवार सुबह से गृहिणियों ने कन्या भोज की तैयारियां कीं। कन्याओं और बटुकों को भोजन, दक्षिणा और उपहार देकर आशीर्वाद लिया गया। हलवा, पूड़ी, खीर और काले चनों का भोग माता रानी को अर्पित करने के बाद कन्याओं को परोसा गया।
कई परिवारों में कन्याओं को विशेष सम्मान दिया गया। उनके पैर धोकर आसन पर बैठाया गया और पूजा के बाद उपहार प्रदान किए गए। इस मौके पर घर-घर में भक्ति और उल्लास का वातावरण देखने को मिला।
मंदिरों में भी भक्तों का तांता लगा रहा। आमेर स्थित प्राचीन शिला माता मंदिर, दुर्गापुरा दुर्गा मंदिर और काली माता मंदिर सहित कई शक्तिपीठों पर हवन, कन्या भोज और विशेष श्रृंगार किया गया। ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी के मातहत मंदिर श्री देवी मनसा माता में 251 कन्याओं को भोजन कराकर उपहार दिए गए।
इसी तरह, अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में विभिन्न गायत्री शक्तिपीठों और प्रज्ञा केंद्रों पर नवरात्र अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई। पंचकुंडीय यज्ञ में आहुतियां अर्पित कर शांति और मंगल की कामना की गई।
जयपुर के विभिन्न इलाकों में दुर्गा पूजा पंडालों में महानवमी पूजन भक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ। मालवीय नगर, सी-स्कीम, बनी पार्क और मुरलीपुरा में आयोजित दुर्गा पूजा में बंगाली समाज ने परंपरागत ढाक वादन, नृत्य और आरती से भक्तों को मंत्रमुग्ध किया। महिलाओं ने लाल बॉर्डर वाली सफेद साड़ी पहनकर पारंपरिक अंदाज में पूजा की।
शाम को आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में महिला सशक्तिकरण पर आधारित नाट्य प्रस्तुति और बच्चों के गीत-नृत्य ने श्रद्धालुओं को भावविभोर किया। गुरुवार को सिंदूर खेला का आयोजन होगा।