नई दिल्ली, 13 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जलियांवाला बाग की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को हुए हत्याकांड ने देश के स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदल दी थी।
राष्ट्रपति ने जलियांवाला बाग में भारत माता के लिए मर मिटने वाले सभी स्वाधीनता सेनानियों को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके बलिदान से हमारे स्वाधीनता संग्राम की धारा और प्रबल हो गई थी। कृतज्ञ भारत सदैव उनका ऋणी रहेगा। उन्हें विश्वास है कि उन अमर बलिदानियों से प्रेरणा लेकर सभी देशवासी भारत की प्रगति में पूरे तन-मन-धन से अपना योगदान देते रहेंगे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि देने में राष्ट्र के साथ शामिल हैं। उत्पीड़न के विरुद्ध उनका अद्वितीय बलिदान हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अंकित है। भारत हमेशा उनके साहस का ऋणी रहेगा।
प्रधानमंत्री ने जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ियां उनके अदम्य साहस को हमेशा याद रखेगी। यह वास्तव में हमारे देश के इतिहास का एक काला अध्याय था। उनका बलिदान भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया।