रायगढ़, 22 सितंबर (हि.स.) – रायगढ़ के वयोवृद्ध नागरिक सरदार जसपाल सिंह स्याल, जिन्हें प्रेम से “फौजी” कहा जाता था, 90 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद आज हमारे बीच नहीं रहे।
जीवन परिचय
सरदार जसपाल सिंह स्याल भारतीय सेना के सम्मानित सैनिक थे। उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध में देश की सेवा करते हुए वीरता का परिचय दिया। युद्ध के दौरान वे गोली लगने के बावजूद भी डटे रहे। अपनी सैन्य सेवाओं के दौरान उन्होंने जबलपुर, लखनऊ, देहरादून सहित अन्य स्थानों पर योगदान दिया और जबलपुर से सेवानिवृत्त हुए।
सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने रायगढ़ में “किसान ट्रांसपोर्ट” नाम से परिवहन व्यवसाय शुरू किया। सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में भी वे सक्रिय रहे और वर्ष 2012-13 में रायगढ़ गुरुद्वारा सिख समिति के अध्यक्ष रहे।
सम्मान और उपलब्धियाँ
2019 में उन्हें राष्ट्रपति भवन आमंत्रित किया गया, जहाँ राष्ट्रपति के साथ उनके परिवार ने विशेष मुलाकात और भोज का सम्मान प्राप्त किया। रायगढ़ में वे पिछले 70 वर्षों से स्थायी रूप से निवास कर रहे थे।
व्यक्तिगत जीवन
सरदार जसपाल सिंह स्याल का व्यक्तित्व मिलनसार, हंसमुख और अनुशासित था। वे नियमित प्रातःकालीन सैर के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में सक्रिय योगदान दिया और रायगढ़ की जनता के लिए प्रेरणास्रोत बने।
अंतिम क्षण
सरदार जसपाल सिंह ने पिछले सप्ताह ही अपना 90वाँ जन्मदिन परिवार के साथ हर्षोल्लास से मनाया। उनके निधन के साथ परिवार और असंख्य शुभचिंतक उन्हें याद करेंगे।