शिक्षा संस्थान समाजोत्थान का माध्यम
झज्जर। राजस्थान सरकार के पूर्व मुख्य सचिव निहालचंद गोयल ने कहा कि शिक्षा संस्थाएं समाज और राष्ट्र की तरक्की का सबसे प्रभावी माध्यम हैं। महाविद्यालय और विश्वविद्यालय सशक्त नागरिकों को तैयार करते हैं। ये उद्गार उन्होंने राजकीय महाविद्यालय दूबलधन में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
छात्रों के लिए संदेश
गोयल ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि अध्यापकों में श्रद्धा, सीखने की ललक और लक्ष्य के प्रति समर्पण से कठिन से कठिन मार्ग भी आसान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में स्वाध्याय और शिक्षा साधना ही सफलता का सबसे बड़ा मूल मंत्र है। उन्होंने महाविद्यालय को पीजी का दर्जा मिलने पर बधाई दी और छात्रों को दाखिला अभियान में भाग लेने का आशीर्वाद दिया।
संस्थान और समाज का योगदान
सम्मान समारोह में प्रेमचंद गोयल को भी सम्मानित किया गया। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के कुलपति प्रो. राजवीर सिंह ने महाविद्यालय के तरक्की के मार्ग पर अग्रसर होने की सराहना की और नशे से दूर रहने व शिक्षा पर ध्यान देने का संदेश दिया।
संस्थापक और समाज के महानुभाव
नसीब सिंह कादयान और राजसिंह कादयान ने संस्थापक महानुभावों के शिक्षा दान और समाज के लिए उनके योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि इस इलाके में शिक्षा के लिए बनाई गई संस्थाएं अब राष्ट्रीय स्तर का मानक स्थापित कर रही हैं।
समारोह और भागीदारी
इस अवसर पर प्रो. जगदेव सिंह, जगबीर अहलावत, डॉ. एसएन शर्मा समेत अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। कॉलेज के प्रतिभाशाली छात्रों और माजरा गांव की पंचायत व महिलाओं को सम्मानित किया गया। सभी गणमान्य ने महाविद्यालय को विश्वविद्यालय स्तर के संस्थान बनाने का संकल्प लिया।