झज्जर खाद संकट और किसानों की परेशानी
झज्जर में खाद की कमी से किसान परेशान हैं। मंगलवार को खाद वितरण केंद्र पर अफरातफरी की स्थिति बन गई। घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद कई किसान खाली हाथ लौट गए। एक महिला किसान को नैनो यूरिया की बोतल जबरन दी गई, जिससे विवाद बढ़ा।
नैनो यूरिया: समाधान और सलाह
कृषि अधिकारी डॉ. सुनील कौशिक ने कहा कि नैनो यूरिया फसल के लिए उतना ही ताकतवर है जितना कट्टे में मिलने वाला यूरिया। यह छोटे पैक में आता है, जिससे इसे खेत या घर तक ले जाना आसान होता है। उन्होंने किसानों से इसे निसंकोच इस्तेमाल करने की सलाह दी।
खाद वितरण में चुनौती
झज्जर में आए खाद के रैक में केवल 500 कट्टे थे। बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों के लिए यह पर्याप्त नहीं था। किसानों ने वितरण में धांधली का आरोप लगाया। कुछ लोगों को पिछले दरवाजे से खाद मिलने की शिकायतें सामने आईं।
विभाग की प्रतिक्रिया
सहकारी किसान समिति के डिप्टी मैनेजर बालकिशन ने कहा कि खाद का वितरण पूरी पारदर्शिता के साथ हो रहा है। आधार कार्ड पर अधिकतम पांच कट्टे दिए जा रहे हैं। नैनो यूरिया जबरन देने का आरोप निराधार है।
निष्कर्ष
इस झज्जर खाद संकट में नैनो यूरिया किसानों के लिए समाधान साबित हो सकता है। विभाग की कोशिश है कि हर पात्र किसान को उचित मात्रा में खाद मिले। किसानों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें नैनो यूरिया के प्रयोग से अपनी फसल की उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।