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झांसी के सॉफ्ट टॉयज महाकुंभ-2025 में बटोर रहे वाहवाही

एक खेप की हाथों हाथ हुई बिक्री,दूसरी खेप की मांग

झांसी, 15 जनवरी (हि.स.)। झांसी जिले के एक जिला एक उत्पाद के तहत सॉफ्ट टॉयज आज देश दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। झांसी जिला कारागार में बन रहे सॉफ्ट ट्वायज इन दिनों महाकुंभ में जमकर वाहवाही बटोर रहे हैं। यहां से बंदियों द्वारा बनाकर भेजी गई पहली खेप तो हाथों हाथ बिक गई। अब 100 ट्वायज की दूसरी खेप भेजी जा रही है। प्रयागराज मेला परिसर में अलग से लगाए गए स्टॉल पर इनकी बिक्री की जा रही है। विभिन्न 20 जिलों से महाकुंभ में स्टॉल लगाए गए हैं।

सुधार गृह के नाम से जाना जाने वाले जिला कारागार में बंद बंदियों को समय-समय पर व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। ताकि वे बाहर निकलकर अपना व्यवसाय कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। इसी कड़ी में 15 बंदियों को सॉफ्ट ट्वायज बनाने का एक महीने का प्रशिक्षण दिलाया गया था। इस काम में निपुण होने के बाद अब इन बंदियों ने उत्पादन शुरू कर दिया है। जेल के अंदर प्रशिक्षित इन 15 बंदियों को इसके एवज में उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है।

उनके लिए कच्चा माल, सिलाई मशीन आदि की व्यवस्था जेल प्रशासन द्वारा की गई है। बंदियों द्वारा निर्मित साफ्ट ट्वायज को बेचने की जिम्मेदारी जेल प्रशासन पर है। बिक्री के लिए जेल प्रशासन की ओर से महाकुंभ मेले में स्टॉल लगाया गया है।

शुरुआत में जेल प्रशासन की ओर से महाकुंभ में सॉफ्ट ट्वायज की पहली खेप भेजी गई थी, जो हाथों हाथ बिक गई। आनन-फानन अब 100 सॉफ्ट ट्वायज की दूसरी खेप तैयार कर भेजी जा रही है। बंदियों द्वारा लगातार सॉफ्ट ट्वायज तैयार किए जाने का काम तेजी से जारी है। जेल में चार अलग-अलग साइज के सॉफ्ट ट्वायज तैयार किए जा रहे हैं, जिनकी कीमत 80, 165, 345 और 485 रुपए तय की गई है। इन्हें बनाने वाले बंदियों को प्रतिदिन 40 से 80 रुपए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है।

खूब पसंद किए जा रहे सॉफ्ट टॉयज

वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार सिंह कहते है कि सॉफ्ट ट्वायज बनाने में बंदी पूरी तरह से निपुण हो चुके हैं। उनके बनाए सॉफ्ट ट्वायज महाकुंभ मेले में खूब पसंद किए जा रहे हैं। ये बंदी जेल से बाहर निकलने पर इसे अपनी आजीविका का साधन भी बना सकते हैं। इसके लिए उन्हें लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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