🏥 झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल
झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है।
भाजपा प्रवक्ता राफिया नाज़ ने सरकार पर तीखा हमला बोला।
⚖️ मंत्री के बयान बताए असंवैधानिक
राफिया नाज़ ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के बयान संविधान के खिलाफ हैं।
उन्होंने इसे सेवा नियमों और कानून की अवहेलना बताया।
🗣️ नौकरी और पोस्टिंग के दावे पर आपत्ति
उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री नौकरी दिलाने का दावा कर रहे हैं।
ऐसा कोई अधिकार कानून में मंत्री को नहीं दिया गया है।
📜 बीएनएस की धाराओं का हवाला
राफिया नाज़ ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं का उल्लेख किया।
उन्होंने पद के दुरुपयोग पर सजा का प्रावधान बताया।
🚑 ज़मीनी हकीकत पर तीखा सवाल
उन्होंने कहा कि एंबुलेंस जैसी सुविधा समय पर नहीं मिल रही।
ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में हालात बेहद खराब हैं।
👶 बच्चों और मरीजों की मौत का ज़िक्र
चाईबासा में बच्ची की मौत का उदाहरण दिया गया।
उन्होंने मंत्री की बयानबाज़ी को असंवेदनशील बताया।
🏥 अस्पतालों की बदहाली का आरोप
कई जगह टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन होने की बात कही गई।
समय पर इलाज न मिलने से मौतों का आरोप लगाया गया।
👩⚖️ महिला कैदियों और गर्भवती महिलाओं की स्थिति
जेलों में महिला कैदियों के लिए नर्स तक नहीं है।
गर्भवती महिलाओं को कंधों पर उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ रहा है।
💉 स्वास्थ्य सुरक्षा में लापरवाही
थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ने का मुद्दा उठाया गया।
अवैध कफ सिरप मामलों को भी गंभीर बताया गया।
💰 स्वास्थ्य बजट पर सवाल
उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ के बजट का सही उपयोग नहीं हो रहा।
ज़मीनी स्तर पर असर बेहद सीमित बताया गया।
⚠️ जवाबदेह व्यवस्था की मांग
राफिया नाज़ ने कहा कि जनता को बयान नहीं, समाधान चाहिए।
झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को संवेदनशील बनाना जरूरी है।




