राज्यव्यापी सर्वेक्षण का ऐलान
रांची, 9 सितंबर (हि.स.)। झारखंड सरकार ने ट्रांसजेंडरों की पहचान और उनकी जरूरतों को समझने के लिए राज्यव्यापी सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है। मुख्य सचिव अलका तिवारी ने मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में झारखंड ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की बैठक में यह निर्देश दिया।
योजनाओं से जुड़ेगी सुविधा
मुख्य सचिव ने कहा कि सर्वेक्षण से ट्रांसजेंडरों की जिलावार संख्या और उनकी आवश्यकताएं सामने आएंगी। इसके आधार पर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ना और सुविधाएं उपलब्ध कराना आसान होगा।
सामने आई चुनौतियाँ
बैठक में यह तथ्य सामने आया कि कई ट्रांसजेंडर सामाजिक कारणों से अपनी पहचान जाहिर करने से हिचकते हैं। इसके कारण उन्हें पहचान पत्र, आरक्षण, पेंशन योजना, आयुष्मान कार्ड और गरिमा गृह जैसी योजनाओं का समय पर लाभ नहीं मिल पाता।
जिलास्तरीय समिति और सपोर्ट यूनिट
इस समस्या के समाधान के लिए सभी जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समिति बनाने पर जोर दिया गया। साथ ही बोर्ड ने “ट्रांसजेंडर सपोर्ट यूनिट” के गठन की घोषणा की, जो ट्रांसजेंडरों से जुड़े मुद्दों और शिकायतों पर काम करेगी।
आँकड़े और संदर्भ
2011 की जनगणना के अनुसार देश में ट्रांसजेंडरों की कुल संख्या 4,87,803 है, जिनमें से 13,463 झारखंड में हैं। सरकार इस समुदाय के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, जिनके क्रियान्वयन में ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड सहयोग करता है।
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में राज्य की गृह सचिव वंदना दादेल, समाज कल्याण सचिव मनोज कुमार, वित्त सचिव प्रशांत कुमार, ग्रामीण विकास सचिव के. श्रीनिवासन समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।