जयपुर, 2 दिसंबर (हि.स.)।
पीएम–कुसुम योजना के अंतर्गत जोधपुर डिस्कॉम ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। डिस्कॉम क्षेत्र में सौर ऊर्जा क्षमता बढ़कर 2017.33 मेगावाट हो गई है, जो अब तक का रिकॉर्ड है। इस उपलब्धि में कुसुम–ए और कुसुम–सी दोनों घटकों का महत्वपूर्ण योगदान है।
कुसुम–A: किसानों को आय का नया स्रोत
जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक डॉ. भंवरलाल ने बताया कि कुसुम–ए योजना के तहत अब तक 240 सौर संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं, जिनकी कुल क्षमता 336.25 मेगावाट है। यह मॉडल किसानों को भूमि लीज पर देने या बिजली बेचने के माध्यम से अतिरिक्त आय प्रदान कर रहा है। खेती की अनिश्चितताओं के बीच यह किसानों के लिए स्थिर आय का भरोसेमंद विकल्प बन गया है।
कुसुम–C: सौर पंपों ने बदली कृषि प्रणाली
कुसुम–सी योजना के तहत—
- 639 सौर संयंत्र (1681.08 मेगावाट) स्थापित
- 84,088 सोलर पंप किसानों को उपलब्ध
इससे कृषि क्षेत्र में डीजल पर निर्भरता लगभग खत्म हो गई है। सिंचाई की लागत कम हुई है और किसान मौसम पर निर्भर रहने के बजाय योजनाबद्ध खेती कर पा रहे हैं।
गांवों में रोजगार और छोटे उद्योगों को मिली ऊर्जा
डॉ. भंवरलाल ने बताया कि पीएम–कुसुम सिर्फ ऊर्जा परियोजना नहीं, बल्कि ग्रामीण आर्थिक बदलाव का माध्यम भी बन रही है। सौर संयंत्रों के संचालन से स्थानीय युवाओं को तकनीशियन, सुरक्षा स्टाफ और मेंटेनेंस जैसे क्षेत्रों में रोजगार मिल रहा है।
गांवों में:
- सोलर पंप रिपेयर स्टेशन
- इलेक्ट्रिकल और वायरिंग दुकानें
- छोटे ट्रांसपोर्ट और सप्लाई चेन व्यवसाय
तेजी से विकसित हो रहे हैं।
ऊर्जा उपलब्धता बढ़ने से पीने के पानी की परियोजनाएं, दूध उत्पादन, कोल्ड स्टोरेज और हस्तशिल्प इकाइयों को भी मजबूती मिली है। महिलाओं के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं और गांवों में जीवन स्तर बेहतर हुआ है।




