जोधपुर, 01 अक्टूबर।
केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) जोधपुर ने मंगलवार को अपना 67वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय मौसम विभाग के पूर्व महानिदेशक डॉ. लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने कहा कि वैज्ञानिकों के शोध और तकनीकी नवाचारों से थार मरुस्थल में कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
डॉ. राठौड़ ने बताया कि पहले क्षेत्र में तेज आंधियों और रेत उड़ने की समस्या थी। काजरी वैज्ञानिकों ने टिब्बों के स्थिरीकरण, हरियाली बढ़ाने और वर्षा जल संग्रहण की तकनीकें विकसित कीं। इनसे न सिर्फ मृदा संरक्षण हुआ बल्कि खेती योग्य भूमि भी बढ़ी। उन्नत बीज, नई किस्मों और मूल्य संवर्द्धन से किसानों की आय में वृद्धि हुई और रोजगार के अवसर भी बढ़े।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के पूर्व कुलगुरु डॉ. एलएन हर्ष ने कहा कि कृषि के साथ पशुपालन भी किसानों की आर्थिक मजबूती का अहम आधार है। काजरी निदेशक डॉ. सुमंत व्यास ने वर्षभर की उपलब्धियां प्रस्तुत कीं और अतिथियों का साफा पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर उन्हें पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर का कुलगुरु नियुक्त होने पर सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम में बेस्ट रिसर्च पेपर के लिए प्रधान वैज्ञानिक डॉ. वी.एस. राठौड़ को अवार्ड दिया गया। वहीं, बेस्ट एम्प्लॉयी ऑफ द ईयर पुरस्कार बहादुर सिंह खींची, अरविंद एस. तेतरवाल और प्रवीण कुमार को मिला। उत्कृष्ट योगदान के लिए इन्द्रराज मीणा, संजय दशोरा, किशन सिंह राठौड़, जसराज जयपाल और तेजाराम को सम्मानित किया गया।