📍 धर्मशाला, 12 जून (हि.स.) — कांगड़ा जिला में मानसून के दौरान संभावित बाढ़ खतरे को देखते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने एहतियाती कदम उठाते हुए नदियों, खड्डों और नालों के निकट संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यटकों और नागरिकों के एकत्र होने पर प्रतिबंध के आदेश जारी किए हैं। यह रोक आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत लगाई गई है।
🚫 क्या है निर्देश:
- जल शक्ति विभाग और उपमंडलाधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में संवेदनशील बाढ़ स्थलों की पहचान करें।
- चिन्हित स्थानों पर चेतावनी साइन बोर्ड लगाने होंगे।
- 15 दिनों के भीतर पूरी रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपनी होगी।
🌧️ मानसून में जोखिम ज्यादा
उपायुक्त ने बताया कि बारिश के कारण नदियों और नालों में अचानक जलस्तर बढ़ने की घटनाएं होती हैं। विशेष रूप से पर्यटक इन क्षेत्रों में फोटोग्राफी या सेल्फी के लिए जाते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।
⚠️ आदेश उल्लंघन पर कार्रवाई
- उपयुक्त स्थानों पर चेतावनी बोर्ड नहीं लगाने या पर्यटकों के एकत्र होने की स्थिति में धारा 115 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
🕔 24×7 कंट्रोल रूम
- आपदा प्रबंधन को सशक्त करने के लिए जिला मुख्यालय और उपमंडल स्तर पर 24 घंटे कार्यरत कंट्रोल रूम संचालित किए जाएंगे।
📌 मुख्य बिंदु संक्षेप में:
- संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध
- चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश
- 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने का आदेश
- आदेश उल्लंघन पर धारा 115 के तहत कार्रवाई
- 24×7 आपदा कंट्रोल रूम की व्यवस्था
यह कदम मानसून के दौरान जन सुरक्षा सुनिश्चित करने और संभावित आपदाओं से बचाव के लिए उठाया गया है। प्रशासन ने नागरिकों और पर्यटकों से अनुरोध किया है कि वे इन आदेशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन के हेल्पलाइन नंबरों से संपर्क करें।