एटीएस–एनआईए बनकर साइबर ठगों ने महिला को किया डिजिटल अरेस्ट, ठगे 6.66 लाख रुपये
कानपुर, 17 नवंबर। फीलखाना थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला सुनीता गौड़ साइबर अपराधियों का शिकार बन गईं, जिन्होंने एटीएस और एनआईए अधिकारी बनकर उन्हें तीन दिनों तक मानसिक रूप से बंदी बनाए रखा। ठगों ने उन्हें आतंकी गतिविधियों में फंसाने का भय दिखाकर 6,66,000 रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए।
पुलिस उपायुक्त अपराध अंजलि विश्वकर्मा के अनुसार 9 नवंबर को पीड़िता को एक अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉलर ने खुद को एंटी टेररिज्म स्क्वाड का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनका नाम और मोबाइल नंबर आतंकी गतिविधियों में शामिल पाया गया है। यह सुनकर महिला डर गईं।
लाल किले धमाके के बहाने बढ़ाया डर
अगले दिन 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास कार धमाका हुआ। यह खबर सुनते ही महिला और अधिक घबरा गईं। इस स्थिति का फायदा उठाकर साइबर ठगों ने अगले दिन एनआईए अधिकारी बनकर उन्हें पुनः कॉल किया और लगातार दबाव बनाया।
तीन दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’
ठगों ने पीड़िता को चेतावनी दी कि वह किसी से संपर्क न करे, फोन न काटे और उनके निर्देशों का पालन करे। वे लगातार व्हाट्सऐप कॉल और चैट के जरिए उन पर निगरानी रखे रहे। इस तरह महिला मानसिक रूप से डिजिटल अरेस्ट में रही और डर के कारण उसने 6.66 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए।
अब नहीं बोल पा रही पीड़िता
घटना के सामने आने के बाद भी महिला सदमे में है और बोलने की स्थिति में नहीं है। साइबर थाना पुलिस ने उसकी तहरीर पर एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पुलिस ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर इस तरह की पूछताछ या धन जमा कराने का निर्देश नहीं देती। ऐसी कॉल आते ही तुरंत 1930 या स्थानीय पुलिस से संपर्क करें।




