कानपुर, 12 दिसंबर (हि.स.)। कलेक्ट्रेट प्रांगण में शुक्रवार को शुरू हुआ लड्डू बाज़ार उत्सव सर्दियों की पौष्टिक मिठाइयों का अनोखा संगम लेकर आया है। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इसका शुभारंभ करते हुए कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य उन महिलाओं और स्थानीय उद्यमों को मंच देना है, जो घरों में पारंपरिक और स्वास्थ्यवर्धक लड्डू तैयार करती हैं। उन्होंने कहा कि बाजार में मिलने वाली मिठाइयों की तुलना में घरों में बने पारंपरिक उत्पाद अधिक पौष्टिक और सुरक्षित होते हैं।
उत्सव में सोंठ के लड्डू, अलसी–मेथी के लड्डू, कच्ची हल्दी के लड्डू, मिलेट्स बेस्ड स्नैक्स और शुगर-फ्री गजक लोगों का खास आकर्षण बने हुए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि इस तरह के आयोजन कलेक्ट्रेट परिसर में नियमित रूप से किए जाएंगे ताकि स्थानीय उत्पादों को स्थायी बाजार मिल सके।
महिला उद्यमियों को मिला बड़ा मंच
साकेत नगर की चिंकी अग्रवाल ने बताया कि वह पिछले चार वर्षों से बेसन, तिल, अलसी, बाजरा और सोंठ से बने पारंपरिक लड्डू तैयार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि घरों में बनी मिठाइयों की मांग लगातार बढ़ रही है।
मंधना स्थित माधव फूड इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि हेमंत तिवारी ने बताया कि उनके स्टार्टअप में मिलेट्स आधारित लड्डू, कच्ची हल्दी के लड्डू और बिना चीनी–गुड़ वाले तिल के लड्डू तैयार किए जा रहे हैं, जो स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों में लोकप्रिय हो रहे हैं।
डॉ. ज्योति चौहान, जिन्होंने एमएसएमई प्रशिक्षण के बाद खाद्य उत्पादों का निर्माण शुरू किया, ने बताया कि ज्वार, बाजरा, रागी के लड्डू, रागी नमकीन और अलसी से बना बुकनू वर्तमान में खूब पसंद किए जा रहे हैं।
स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी
चौबेपुर के बिरैचामऊ क्षेत्र की अन्नपूर्णा महिला स्वयं सहायता समूह ने भी अपने जैविक उत्पादों का प्रदर्शन किया। “मानस ग्राम” ब्रांड के तहत समूह द्वारा दलहन, तिलहन, अनाज, अचार, मुरब्बे, मसाले और दलिया सहित कई उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जिन्हें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते हुए प्रमाणिक परीक्षण और विपणन सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।




