कोलकाता के कसबा इलाके में स्थित लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने समूचे राज्य में रोष और गहन चिंता पैदा कर दी है। पुलिस ने अब इस मामले में पीड़िता की गोपनीयता को लेकर सख्त रुख अपनाया है।
🚫 पीड़िता की पहचान उजागर करना गैरकानूनी
कोलकाता पुलिस ने बयान जारी कर कहा:
- कुछ लोग पीड़िता की पहचान उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं।
- ऐसा करना भारतीय कानून का गंभीर उल्लंघन है।
- दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
📌 पुलिस की अपील:
- कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया या अन्य माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
- पीड़िता की पहचान का खुलासा करना अनैतिक और दंडनीय अपराध है।
⚖️ कानूनी मोर्चे पर तेज़ी
सुप्रीम कोर्ट में याचिका:
- अधिवक्ता सत्यम सिंह ने CBI जांच की मांग को लेकर याचिका दाखिल की।
- याचिका में मदन मित्रा और कल्याण बंद्योपाध्याय की विवादित टिप्पणियों का उल्लेख।
हाईकोर्ट में जनहित याचिकाएं:
- इस गंभीर घटना को लेकर हाईकोर्ट में दो PIL दायर की गई हैं।
🧑🏫 कॉलेज प्रशासन की कार्रवाई
मुख्य कदम:
- मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, कॉलेज का अस्थायी कर्मचारी — बर्खास्त।
- दो आरोपी छात्र — प्रमित मुखर्जी और ज़ैब अहमद — कॉलेज से निष्कासित।
🧑⚖️ परिवार का रुख
- पीड़िता के मामा ने पुलिस जांच पर भरोसा जताया है।
- उन्होंने कहा कि प्रशासन अगर न्यायपूर्ण कार्रवाई करे, तो वे सीबीआई जांच की मांग नहीं करते।
🔍 निष्कर्ष
इस मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई और अदालतों में हो रही सुनवाई से संकेत मिलता है कि न्यायिक प्रक्रिया सक्रिय है। लेकिन गोपनीयता की रक्षा और संवेदनशीलता बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।