काशी से रामेश्वरम तक सांस्कृतिक संगम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना पर आधारित काशी तमिल संगमम 2025 (KTS 4.0) की शुरुआत 2 दिसंबर से वाराणसी में होगी और इसका समापन 15 दिसंबर को रामेश्वरम में होगा।
मंडलायुक्त एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित बैठक में आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की गई।
इस बार थीम — “चलो तमिल सीखें – करपोम तमिल”
मंडलायुक्त ने बताया कि इस वर्ष का संगमम “चलो तमिल सीखें – करपोम तमिल” थीम पर आधारित होगा। इसका उद्देश्य उत्तर और दक्षिण भारत के सांस्कृतिक एवं भाषाई संबंधों को मजबूत बनाना और तमिल भाषा को देशभर में लोकप्रिय बनाना है।
बस, आवास और सुरक्षा की सख्त व्यवस्था
उन्होंने निर्देश दिए कि काशी आने वाले सभी प्रतिभागियों के लिए स्टेशन से आवास स्थल, नमोघाट और बीएचयू तक बसों की व्यवस्था की जाए।
प्रतिभागियों के लिए हेल्प डेस्क, भोजन, सुरक्षा और चिकित्सकीय सेवाओं का भी इंतजाम किया जाएगा।
भाषाई समन्वय के लिए “भासिनी ऐप” के अधिकाधिक उपयोग पर जोर दिया गया है, जिससे हिंदी के शब्दों का तमिल में रियल-टाइम अनुवाद हो सकेगा।
तमिल सेतु से जुड़े दो नए उपक्रम
कार्यक्रम में दो नई पहलें की जाएंगी —
1️⃣ “तमिल करपोम”, जिसके तहत उत्तर भारत के छात्र तमिलनाडु में तमिल सीख सकेंगे।
2️⃣ “अगस्त्य एक्सपीडिशन”, जो तेंकासी से काशी तक की ऐतिहासिक यात्रा होगी।
1400 से अधिक प्रतिनिधि होंगे शामिल
तमिलनाडु से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि — छात्र, शिक्षक, लेखक, महिलाएं और आध्यात्मिक विद्वान — काशी पहुंचेंगे।
वे यहां आयोजित सांस्कृतिक और अकादमिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे और दोनों प्रदेशों की साझी विरासत का उत्सव मनाएंगे।




