श्रीनगर, 20 जून (हि.स.) – भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने अपने हालिया कश्मीर दौरे को “लुभावनी और बेजोड़” बताया। वह अपने परिवार के साथ गुलमर्ग, पहलगाम, डल झील और श्रीनगर के प्रमुख स्थलों पर गए।
🔹 न्यायमूर्ति मसीह का अनुभव
उन्होंने कहा,
“हमने हर जगह गर्मजोशी महसूस की। सुरक्षा की दृष्टि से भी यह यात्रा पूरी तरह संतोषजनक रही।”
उनका कहना था कि घाटी का सौंदर्य और यहाँ की सुरक्षा व्यवस्था दोनों ही सराहनीय हैं। सुरक्षा बलों ने हर स्तर पर पेशेवरता दिखाई।
🔹 पर्यटकों की वापसी से बढ़ा आत्मविश्वास
न्यायमूर्ति मसीह ने घाटी में पर्यटकों की वापसी को अच्छा संकेत बताया।
“लोगों की उपस्थिति यह साबित करती है कि कश्मीर अब भरोसेमंद पर्यटन स्थल बन चुका है।”
उनकी इस टिप्पणी ने सरकारी दावों को बल दिया है कि घाटी में अब स्थिरता लौट आई है।
🔹 पर्यटन फिर बना जीवनरेखा
Kashmir Sundar Tourism ने पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त उछाल लिया है।
सुरक्षा में सुधार और प्रशासनिक सतर्कता ने पर्यटकों को आकर्षित किया है।
🔹 क्या कश्मीर अब सुरक्षित है?
इस सवाल पर न्यायमूर्ति मसीह की यात्रा खुद जवाब देती है।
उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को कहीं भी असुरक्षित महसूस नहीं हुआ।
🔹 प्रशासन की भूमिका
सरकारी प्रयासों और सुरक्षाबलों की सजगता का असर स्पष्ट है।
सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा और आतिथ्य का संतुलन दिखता है।
🔹 निष्कर्ष
जस्टिस मसीह के बयान से एक संदेश साफ है।
कश्मीर अब न सिर्फ सुंदर है, बल्कि सुरक्षित भी है।
📍 क्या आप तैयार हैं कश्मीर की खूबसूरती को देखने के लिए? अब घाटी में स्वागत और सुरक्षा, दोनों हैं।