सूरजपुर, 18 जून (हि.स.) —
📍 कठौता धाम: अनछुआ आस्था का केंद्र
कठौता पहाड़ पर स्थित यह धाम अब भी स्थानीय श्रद्धा का प्रतीक बना हुआ है।
🌧️ बारिश से जुड़ी रहस्यमयी मान्यता
मान्यता है कि यहां पूजा के बाद ही इलाके में मानसून आता है, वरना हवा लौट जाती है।
🧗 कठिन चढ़ाई, गहरी आस्था
श्रद्धालु हर रविवार खतरनाक चढ़ाई पार कर दर्शन के लिए पहुंचते हैं, कई जगह रस्सी की जरूरत पड़ती है।
🙏 पूजनीय देवी-देवता
यहां बूढ़ी माई, बंजारिन देवी, नांग देवता और कठौता पाट की पूजा की जाती है।
💡 गांव वालों की मेहनत
जय कठौता पाट सेवा समिति ने बिजली और पूजा की पूरी व्यवस्था खुद संभाली है।
🐍 चमत्कारिक स्थल
यहां दूध पीने वाला सर्प, जल कुंड और प्राकृतिक कुएं की मौजूदगी आस्था को और गहरा करती है।
📈 पर्यटन की संभावना
सरकारी मदद मिले तो यह धाम छत्तीसगढ़ का प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल बन सकता है।