शोध के साथ संक्रामक रोग नियंत्रण पर काम कर रहा केजीएमयू का माइक्रोबायोलॉजी विभाग
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग का 39वां स्थापना दिवस मंगलवार को प्रशासनिक भवन स्थित सेल्बी हॉल में गरिमामय समारोह के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ केजीएमयू की कुलपति पद्मश्री प्रो. सोनिया नित्यानंद, प्रो-वाइस चांसलर प्रो. अपजित कौर एवं विभागाध्यक्ष प्रो. शीतल वर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
संक्रामक रोग नियंत्रण में विभाग की अहम भूमिका
इस अवसर पर कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग की निरंतर उत्कृष्टता की सराहना करते हुए कहा कि यह विभाग शिक्षण, रोग निदान और शोध के साथ-साथ संक्रामक रोग नियंत्रण और एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस जैसी गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 सहित विभिन्न संक्रामक रोगों के दौरान विभाग की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है।
केजीएमयू के आदर्श वाक्य को साकार कर रहा विभाग
विभागाध्यक्ष डॉ. शीतल वर्मा ने कहा कि स्थापना दिवस समारोह माइक्रोबायोलॉजी विभाग की चिकित्सा शिक्षा, ट्रांसलेशनल रिसर्च और राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराता है। यह विभाग केजीएमयू के आदर्श वाक्य—
“विज्ञान और करुणा के माध्यम से मानव सेवा”— को व्यवहार में उतार रहा है।
वरिष्ठ माइक्रोबायोलॉजिस्टों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
समारोह के दौरान चिकित्सा माइक्रोबायोलॉजी, सार्वजनिक स्वास्थ्य और संस्थान निर्माण के क्षेत्र में दशकों तक उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले वरिष्ठ विशेषज्ञों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इनमें—
- केजीएमयू के पूर्व कुलपति प्रो. एस. के. अग्रवाल
- पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. मस्तान सिंह और प्रो. अमिता जैन
- डॉ. संजय सिंघल (एमबीबीएस, एमडी माइक्रोबायोलॉजी)
सम्मानित सभी विशेषज्ञ माइक्रोबायोलॉजी विभाग, केजीएमयू के प्रथम एमडी बैच के पूर्व छात्र रहे हैं।
अन्य संकाय सदस्यों को भी मिला सम्मान
इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा प्रो. आर. के. कल्याण, प्रो. प्रशांत गुप्ता, डॉ. शीतल वर्मा, डॉ. पारुल जैन, डॉ. सुरुचि शुक्ला और डॉ. श्रुति रडेरा को विभिन्न श्रेणियों में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।



