चशोती गाँव में आपदा का कहर
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के सुदूर गाँव चशोती में 14 अगस्त को आई आपदा ने भारी तबाही मचाई। शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी समन्वित बचाव और राहत अभियान जारी रहा। इस आपदा में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज़्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री का दौरा
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार देर रात चशोती का दौरा किया। उनके साथ जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात भी मौजूद थे। उन्होंने पुलिस, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ और स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मृतकों और लापता लोगों की संख्या
अधिकारियों के मुताबिक अब तक 46 शवों की पहचान हो चुकी है और उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है। वहीं, 75 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि सैकड़ों लोग अचानक आई बाढ़ में बह गए होंगे या मलबे में दब गए होंगे।
बर्बादी का मंजर
इस आपदा में 16 से अधिक घर, सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पनचक्की और एक 30 मीटर लंबा पुल क्षतिग्रस्त हो गया। इसके अलावा एक दर्जन से ज़्यादा वाहन भी बह गए। मृतकों में सीआईएसएफ के दो जवान और स्थानीय पुलिस का एक एसपीओ भी शामिल है।
बचाव कार्य तेज़
एनडीआरएफ ने डॉग स्क्वॉड और विशेष उपकरण तैनात किए हैं। प्रशासन ने लगभग एक दर्जन अर्थ-मूवर्स भी लगाए हैं। वहीं, मचैल माता यात्रा, जो 25 जुलाई से शुरू हुई थी, लगातार तीसरे दिन स्थगित रही।
यह आपदा अब तक के सबसे बड़े प्राकृतिक संकटों में से एक मानी जा रही है।