पश्चिमी सिंहभूम, झारखंड – कोल्हान विश्वविद्यालय (केयू), जिसे कभी क्षेत्र की शैक्षणिक रीढ़ माना जाता था, आज गंभीर स्थिति में है। कुलपति और अन्य शीर्ष पदाधिकारी चाईबासा मुख्यालय में होने के बावजूद कार्य नहीं कर रहे और विश्वविद्यालय का संचालन केवल फोन और वीडियो कॉल पर हो रहा है।
इस पर एंटी करप्शन ऑफ इंडिया के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रामहरि गोप ने उपायुक्त चंदन कुमार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि कुलपति, डीन और विभागाध्यक्ष मुख्यालय में उपस्थित हों, स्थायी प्रवक्ता की नियुक्ति की जाए, लंबित शैक्षणिक सत्रों के लिए रोडमैप तैयार हो और लापरवाह अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
वास्तविक स्थिति यह है कि विश्वविद्यालय मुख्यालय लगभग वीरान है। केवल परीक्षा नियंत्रक रिंकी दोराई नियमित रूप से कार्यरत हैं। प्रवक्ता की अनुपस्थिति के कारण छात्र, शोधार्थी और मीडिया समय पर सही जानकारी नहीं पा रहे हैं।
छात्रों के अनुसार, बीए, बीएससी, बीकॉम, बीएड, एमए, एमएससी, एमकॉम और एमएड सहित लगभग सभी पाठ्यक्रमों के सत्र भयंकर विलंब का शिकार हैं। परीक्षाएं और परिणाम महीनों से लटके हुए हैं, जिससे छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़ रहे हैं। अभिभावक नाराज हैं और कहते हैं कि कर्ज लेकर बच्चों की पढ़ाई के लिए फीस दी गई, लेकिन बदले में विश्वविद्यालय केवल वादे और देरी दे रहा है।
छात्रों का कहना है कि “हम मेहनत कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की लापरवाही हमारे भविष्य को अंधकार में धकेल रही है। यदि यही हाल रहा, तो कोल्हान के बच्चों का भविष्य पूरी तरह चौपट हो जाएगा।”