कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार रात एलन पार्क में कोलकाता क्रिसमस महोत्सव के 15वें संस्करण का भव्य उद्घाटन किया। रोशनी, संगीत और उत्सव के रंगों के बीच उन्होंने शांति, इंसानियत और आपसी सौहार्द का संदेश देते हुए लोगों से मिल-जुलकर खुशहाल समाज के निर्माण की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोग खुश रहें, परिवार के साथ प्रेम और सौहार्द से जीवन जिएं और आने वाली पीढ़ियां खुले वातावरण में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि बंगाल की असली ताकत उसकी समावेशी संस्कृति और साथ मिलकर त्योहार मनाने की परंपरा है।
समावेशी संस्कृति की मिसाल बंगाल
ममता बनर्जी ने कहा कि पूरे राज्य में क्रिसमस को लेकर उत्साह है और सभी जिलों को सुंदर ढंग से सजाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग बंगाल को बदनाम करने की कोशिश करते हैं, लेकिन यहां की संस्कृति भाईचारे और एकता पर आधारित है। “धर्म व्यक्तिगत हो सकता है, लेकिन त्योहार सभी के होते हैं,” उन्होंने दोहराया।
महोत्सव की अवधि और आकर्षण
- मुख्य महोत्सव: 30 दिसंबर तक
- सजावट और खानपान स्टॉल: 5 जनवरी 2026 तक
- पार्क स्ट्रीट और आसपास के इलाकों में लाखों लोगों के पहुंचने की उम्मीद
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह उत्सव 14 साल पहले पार्क स्ट्रीट से शुरू हुआ था और अब पूरे बंगाल में फैल चुका है। इस वर्ष राज्य के 14 अलग-अलग स्थानों पर वर्चुअल माध्यम से भी क्रिसमस समारोह का उद्घाटन किया गया, ताकि उत्सव आम लोगों तक पहुंचे।
अंतरराष्ट्रीय सहभागिता और विशेष अवसर
उद्घाटन समारोह में वरिष्ठ चर्च प्रतिनिधियों, राज्य सरकार के मंत्री-अधिकारी और अमेरिका, रूस, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान सहित कई देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। ममता बनर्जी ने सभी को और दुनिया भर के लोगों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने दीप प्रज्वलन और पवित्र क्रिब के आशीर्वाद में भाग लिया। साथ ही, दार्जिलिंग के सेंट एंड्रयूज चर्च के संरक्षण कार्य (लगभग 1.55 करोड़ रुपये) के पूरा होने का उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस दिन का चयन जानबूझकर किया, क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र अल्पसंख्यक अधिकार दिवस से जुड़ा है—जो बंगाल की पहचान एकता, इंसानियत और भाईचारे को और मजबूत करता है।




