मैदान क्षेत्र में बढ़ता प्रदूषण बना चिंता का विषय
कोलकाता के ऐतिहासिक मैदान क्षेत्र में वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ रही है।
कोलकाता मैदान वायु प्रदूषण को लेकर पर्यावरणविदों ने गंभीर चिंता जताई है।
विक्टोरिया मेमोरियल के आसपास हालात गंभीर
पर्यावरणविद सोमेंद्र मोहन घोष ने इस मुद्दे पर सरकार को पत्र लिखा।
उन्होंने कहा कि मैदान, जिसे कोलकाता का फेफड़ा कहा जाता है, खतरे में है।
AQI खतरनाक स्तर तक पहुंचा
हाल के दिनों में मैदान क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक 342 दर्ज किया गया।
कुछ मौकों पर कोलकाता मैदान वायु प्रदूषण दिल्ली से भी खराब रहा।
मेट्रो प्रोजेक्ट से बिगड़े हालात
विक्टोरिया मेमोरियल के आसपास चल रहा मेट्रो निर्माण मुख्य कारण बताया गया।
निर्माण के दौरान पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी की जा रही है।
वाहन और बायोमास जलाना भी जिम्मेदार
मैदान और आसपास बायोमास जलाना प्रदूषण बढ़ा रहा है।
एस्प्लेनेड बस स्टैंड के पास कोयला और लकड़ी का उपयोग भी कारण बना।
धूल और पीएम कण बढ़ा रहे खतरा
निर्माण स्थलों से उड़ती धूल हवा को जहरीला बना रही है।
कोलकाता मैदान वायु प्रदूषण में पीएम कणों की मात्रा तेजी से बढ़ी है।
रात में भी नहीं मिली राहत
शुक्रवार रात विक्टोरिया क्षेत्र में AQI 355 दर्ज किया गया।
जादवपुर और बालीगंज इलाकों में भी सूचकांक 300 के पार रहा।
समाधान को लेकर दिए सुझाव
पर्यावरणविद ने नियमित पानी छिड़काव की सिफारिश की।
पुराने डीजल वाहनों की आवाजाही सीमित करने का सुझाव भी दिया गया।
जनस्वास्थ्य पर मंडरा रहा खतरा
डॉक्टरों के अनुसार पीएम कण फेफड़ों और हृदय के लिए खतरनाक हैं।
यदि नियंत्रण नहीं हुआ, तो कोलकाता मैदान वायु प्रदूषण बड़ा संकट बन सकता है।




