📍 कोलकाता, 16 जून (हि.स.) — तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में अवमानना मामले में पेश हुए, लेकिन विशेष पीठ के एक न्यायाधीश की चिकित्सा कारणों से अनुपस्थिति के चलते सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत के पूर्व निर्देश के तहत घोष की उपस्थिति रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष दर्ज की गई।
🔍 मामले की पृष्ठभूमि:
यह मामला एसएलएसटी शारीरिक शिक्षा और कार्य शिक्षा के उम्मीदवारों से जुड़ा है, जिनके एक प्रदर्शन में कथित तौर पर अदालत की अवमानना हुई थी। पहले इस मामले में घोष का नाम नहीं था, लेकिन बाद में उन्हें भी आरोपी के तौर पर जोड़ा गया।
⚖️ अदालती कार्यवाही का विवरण:
- कोर्ट ने पहले कहा था कि घोष सहित सभी को 16 जून को सशरीर उपस्थित होना होगा।
- कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि बिना अनुमति कोई भी अदालत परिसर से बाहर नहीं जा सकेगा।
- घोष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बनर्जी, अयन चक्रवर्ती और राहुल मिश्रा उपस्थित रहे।
- जब पीठ नहीं बैठी तो अधिवक्ता ने सवाल किया कि अब अगली कार्रवाई क्या होगी।
- इसके बाद न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी के निर्देश पर घोष की उपस्थिति रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष दर्ज की गई।
- अब घोष को बाहर जाने की अनुमति दे दी गई है।
📢 कुणाल घोष का बयान:
“मेरे खिलाफ रूल जारी हुआ था। मुझे बताना है कि जेल क्यों न भेजा जाए या दंड क्यों न दिया जाए। मैं इसी वजह से आज कोर्ट आया।”
📝 महत्वपूर्ण घटनाक्रम:
- 🔸 19 मई की सुनवाई में घोष की ओर से कहा गया था कि उनका हलफनामा तैयार है, लेकिन पुलिस रिपोर्ट देर से मिलने के कारण दाखिल नहीं किया गया।
- 🔸 कोर्ट ने पाया कि किसी भी पक्ष ने हलफनामा दाखिल नहीं किया, इसलिए सभी को 16 जून को बुलाया गया।
- 🔸 आज की सुनवाई विशेष पीठ की अनुपस्थिति में टाल दी गई, लेकिन घोष की उपस्थिति दर्ज हो गई।
📌 निष्कर्ष:
हालांकि आज विशेष पीठ की अनुपस्थिति के कारण कोई निर्णायक कार्यवाही नहीं हो सकी, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए आने वाले दिनों में सुनवाई का नया शेड्यूल तय किया जा सकता है। कुणाल घोष फिलहाल अदालती निर्देशों का पालन कर रहे हैं, लेकिन यह देखना होगा कि अवमानना के आरोपों पर कोर्ट अगली बार क्या रुख अपनाती है।