छह हजार किलोमीटर का सफर तय कर धुंधाड़ा पहुंचे विदेशी मेहमान कुरजां
जोधपुर, 6 नवम्बर (हि.स.)। जोधपुर जिले के लूणी तहसील के धुंधाड़ा कस्बे में विदेशी मेहमान कुरजां पक्षियों का आगमन हो गया है। साइबेरिया और अन्य ठंडे क्षेत्रों से हजारों किलोमीटर की लंबी उड़ान भरकर ये पक्षी शीतकालीन प्रवास के लिए लूणी और बांडी नदी के बहाव क्षेत्र के साथ-साथ आसपास के गांवों के तालाबों में डेरा डाल चुके हैं।
प्रवासी पक्षियों का विस्तृत क्षेत्र
धुंधाड़ा क्षेत्र के अलावा सतलाना, शिकारपुरा, सरेचा और गुडाविश्नोईयान जैसे गांवों के पेयजल तालाबों पर भी कुरजां के झुंड देखे जा रहे हैं। प्रतिदिन सैकड़ों पक्षियों के आगमन से स्थानीय क्षेत्र जीवन्त हो उठा है।
छह महीने तक प्रवास
कुरजां पक्षी अपने मूल निवास स्थान साइबेरिया में गर्मी बिताते हैं। सर्दियों में अधिक ठंड से बचने के लिए ये लगभग छह हजार किलोमीटर की दूरी तय कर राजस्थान की ओर आते हैं। शीतकालीन प्रवास के दौरान ये मार्च तक यहीं रहेंगे और उसके बाद अपने वतन वापसी की उड़ान भरेंगे।
प्रेम और समर्पण का प्रतीक
राजस्थान में कुरजां को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इनके जोड़े जीवन भर साथ रहते हैं और आपसी समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं। यही कारण है कि लोकगीतों में भी कुरजां का विशेष स्थान है।




