⭐ Final SEO Article (≤350 Words)
लखनऊ की नन्हीं गार्गी द्विवेदी ने नृत्य जगत में ऐसा नाम कमाया है, जो किसी बड़े कलाकार के लिए भी गर्व की बात हो। कक्षा दो में पढ़ने वाली यह बच्ची अब तक 350 से अधिक पुरस्कार जीत चुकी है। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से लेकर राज्य स्तरीय आयोजनों तक, गार्गी हर मंच पर अपनी कला का लोहा मनवा रही हैं।
✨ नन्हीं उम्र, बड़ी उपलब्धियां
इंदिरा नगर सीएमएस की छात्रा गार्गी पिछले तीन साल से संगीत नाटक अकादमी में नृत्य सीख रही हैं। उनकी गुरु डॉ. मंजु मल्कानी और श्रुति ने उन्हें शास्त्रीय कला की गहराइयों से परिचित कराया है।
गार्गी शास्त्रीय नृत्य (क्लासिकल) वर्ग में दो बार राज्य स्तरीय स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने लुलु फनटुरा लिटिल सुपर स्टार सीजन–3 में रनरअप का खिताब भी हासिल किया।
🎖 राष्ट्रीय मंच पर चमकी प्रतिभा
गार्गी ने हाल ही में “उत्तर प्रदेश लोकगीत, नाट्य, नृत्य, गाथा एवं चित्रकला प्रतियोगिता” में राष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर लखनऊ का नाम रोशन किया। यह प्रतियोगिता भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और प्रयागराज संगीत समिति द्वारा आयोजित की गई थी।
👏 बड़े मंचों पर मिला सम्मान
गार्गी को अपनी नृत्य प्रतिभा के लिए कई गणमान्य हस्तियों ने सम्मानित किया है—
- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
- उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव
- पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद डॉ. दिनेश शर्मा
- पूर्व सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी
- लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल
- उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
वे अयोध्या महोत्सव, अवध महोत्सव और लखनऊ महोत्सव जैसी प्रतिष्ठित सांस्कृतिक आयोजनों की भी शोभा बढ़ा चुकी हैं।
🌟 “अब मुझे लोग गार्गी की मां कहते हैं”
मां ऋचा द्विवेदी बताती हैं—
“पहले मुझे लोग द्विवेदी बहू के नाम से जानते थे, लेकिन अब लोग गर्व से कहते हैं—यह गार्गी की मां हैं।”
🎭 अगला प्रदर्शन
गार्गी 14 नवंबर को गौरैया संस्कृति महोत्सव 2025, लोहिया पार्क में प्रभु श्रीराम पर आधारित प्रस्तुति देंगी।




