भोपाल, 12 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव सरकार का दूसरा बजट बुधवार को विधानसभा में उप मुख्यमंत्री एवं वित्त जगदीश देवड़ा ने पेश किया। राज्य का कुल प्रस्तावित बजट 4.21 लाख करोड़ रुपये का है। इसमें सिंहस्थ-2028 के लिए दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण की शुरुआत संस्कृत के श्लोक से की। उन्होंने कहा, “न त्वहं कामये राज्यम्, न स्वर्गं न पुनर्भवम्। कामये दुःख तप्तानां, प्राणिनामार्तनाशनम्।।” अर्थात, “मैं राज्य की कामना नहीं करता, मुझे स्वर्ग और मोक्ष नहीं चाहिए। दुःख से पीड़ित प्राणियों के दुःख दूर करने में सहायक हो सकूं, यही मेरी कामना है।”
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का सुविचारित व दृढ़ लक्ष्य है विकसित मध्यप्रदेश। विकसित मध्यप्रदेश का आशय है कि प्रदेश में श्रेष्ठतम अधोसंरचनाओं का विस्तार हो, किसानों की आय में वृद्धि हो, जनता का जीवन खुशहाल हो, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर की हों, महिलाओं में आत्मगौरव के दृढ़ भाव बनें, युवाओं के लिए सकारात्मक वातावरण उपलब्ध हो, स्वच्छ जलवायु हो, सामुदायिक सौहार्द में वृद्धि हो एवं जन-जीवन व जन-सम्पदा सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सुचिन्तित रणनीति के तहत औद्योगिक विकास पर ध्यान केन्द्रित करते हुए समाज के समस्त वर्गों के समावेशी विकास के लिए चार सर्वस्पर्शी मिशनों, गरीब कल्याण मिशन, युवा कल्याण मिशन, किसान कल्याण मिशन एवं नारी कल्याण मिशन के अन्तर्गत कार्य कर रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 का प्रदेश सरकार का बजट भारत के संविधान के गौरवशाली 75 वर्ष पूर्ण होने के बाद प्रथम बजट है। पिछले बजट की तुलना में इस बार इसमें 15 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री देवड़ा ने आगामी 2028 में उज्जैन में होनेवाले सिंहस्थ महापर्व की तैयारियों को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ-2028 महापर्व के अवसर पर देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में धर्मप्रेमी जनता का, श्रद्धायात्रा पर पधारना संभावित है। आयोजन की विशालता व महत्ता के दृष्टिगत सम्पूर्ण सिंहस्थ क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के साथ-साथ श्रद्धालुओं के लिए सिंहस्थ को एक अविस्मरणीय अनुभव दिये जाने को लेकर श्रेष्ठ जन-सुविधाओं की व्यापक व्यवस्था आवश्यक है। राज्य सरकार द्वारा सिंहस्थ क्षेत्र में सुनियोजित विकास कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं। आयोजन वर्ष 2028 के पूर्व सभी कार्य पूर्ण करने के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस मद में लगभग 02 हज़ार करोड़ रुपेय का प्रावधान प्रस्तावित है।
देवड़ा ने कहा कि बजट में पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व के क्षेत्र के लिए 1 हजार 610 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है जो कि गत वर्ष से 133 करोड़ अधिक है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, ओंकारेश्वर में उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर ओंकारेश्वर महालोक का निर्माण किया जाएगा। अद्वैत वेदान्त दर्शन के प्रणेता आचार्य शंकर के जीवन दर्शन के प्रसार के उद्देश्य से संग्रहालय एवं आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान को विकसित किया जा रहा है।
श्रीकृष्ण पाथेय योजना के लिए 10 करोड़ का प्रावधान
वित्त मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश में जहाँ-जहाँ भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े, उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। इस हेतु श्रीकृष्ण पाथेय योजना के लिए 10 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। इसी प्रकार राम पथ गमन योजना में प्रभु श्री राम के वनगमन पथ अंचल का विकास तथा धार्मिक नगरी चित्रकूट का समग्र विकास किया जाएगा। इस योजना के लिए रुपये 30 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
नगरीय निकायों में अध्ययनशीलता को बढ़ावा देने तैयार होंगे गीता भवन
इसके अलावा वर्तमान समय में धार्मिक ग्रंथों, साहित्य, वैज्ञानिक अनुसंधानों के सुलभअध्ययन को प्रोत्साहित करने और जनसाधारण में अध्ययन में घटती रुचि के परिष्कार के उद्देश्य से, प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में सर्वसुविधायुक्त वैचारिक अध्ययन केन्द्र के रूप में “गीता भवन” बनाये जाएँगे। इनमें पुस्तकालय, ई-लायब्रेरी, सभागार तथा साहित्य-सामग्री बिक्री केन्द्र भी होंगे। इस योजना के लिये रुपये 100 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
तीर्थ यात्रा योजना के लिए 50 करोड़ का प्रावधान
वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश अपने वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा का पुण्य लाभ प्रदान करने में सहभागी है। इसके लिए 50 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। इस योजना में प्रारंभ से अब तक 8 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं। इस योजना के तहत दिव्यांग नागरिकों को भी निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है।