उज्जैन, 24 अप्रैल (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल के मंदिर में अब सुबह भस्म आरती के बाद श्रद्धालुओं को निशुल्क अल्पाहार कराया जाएगा। गुरुवार से श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने भस्म आरती में आने वाले श्रद्धालुओं को नाश्ते में पोहा देने की सुविधा की शुरुआत कर दी है। यह सुविधा सुबह 6 से 8 बजे तक रहेगी और पोहा के लिए टोकन मंदिर से लेना पड़ेगा।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति नि:शुल्क अन्न क्षेत्र चलाती है। समिति के अध्यक्ष एवं उज्जैन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के आदेश पर गुरुवार से यहां निशुल्क अल्पाहार सेवा शुरू की गई है। यहां सुबह भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को पोहे का नाश्ता कराया जाएगा।
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति की उप प्रशासक सिम्मी यादव ने बताया कि भस्म आरती खत्म होने के बाद श्रद्धालुओं को एग्जिट गेट से पोहा के लिए टोकन बांटे जाएंगे। टोकन लेकर श्रद्धालु त्रिवेणी के सामने बने निःशुल्क अन्न क्षेत्र में जाएंगे और वहां उन्हें पोहा मिलेगा। इस सेवा के पहले दिन दो सौ से अधिक भक्तों ने पोहा प्रसादी ग्रहण किया। महाकाल मंदिर की ओर से नाश्ते में पोहा देने की व्यवस्था शुरू किए जाने से भक्त खुश हैं, लेकिन उनका मानना है कि भस्म आरती से बाहर निकलने के बाद जिस जगह टोकन मिलेंगे, उससे अन्न क्षेत्र करीब डेढ़ किमी दूर है। यानी पोहा लेने के लिए डेढ़ किमी चलना पड़ेगा और पोहा खाने के बाद फिर डेढ़ किमी वापस आना पड़ेगा। ऐसे में मंदिर समिति को पोहा की व्यवस्था एग्जिट गेट या महाकाल लोक में कहीं करनी चाहिए।
भस्म आरती में महाकाल का दिव्य श्रृंगार
श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार तड़के चार बजे भस्म आरती के दौरान मंदिर के पट खुलते ही पंडा-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवानों की प्रतिमाओं का पूजन कर, भगवान महाकाल का जलाभिषेक तथा दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर ‘हरि ओम’ का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद जटाधारी भगवान महाकाल को मस्तक पर रजत चंद्र, भांग, चंदन और गुलाब के फूलों की माला अर्पित की गई। वैष्णव तिलक, रुद्राक्ष की माला, रजत मुकुट, भांग और चंदन से भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया गया।
श्रृंगार पूर्ण होने के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई। भगवान महाकाल का भांग, ड्रायफ्रूट, आभूषण और फूलों से राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। भस्म अर्पण के पश्चात, शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाला और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्पों से बनी माला अर्पित की गई। गुलाब के सुगंधित पुष्प धारण किए भगवान महाकाल को फल और मिष्ठान का भोग अर्पित किया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई।