विकास और विरासत का संतुलन: मुख्यमंत्री का निर्देश
जयपुर, 30 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार विकास के साथ-साथ विरासत संरक्षण के संकल्प को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को ऐतिहासिक, धार्मिक और पर्यटन स्थलों के विकास कार्यों को तय समय में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट, तनोट माता मंदिर, और पूंछरी का लौठा के विकास कार्यों की समीक्षा की गई।
महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट को मिलेगा नया स्वरूप
शर्मा ने बताया कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े स्थलों को एकीकृत करते हुए राज्य सरकार महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित कर रही है। इसमें चावंड, हल्दीघाटी, गोगुंदा, कुंभलगढ़, दिवेर और उदयपुर जैसे ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं। इसके लिए ₹100 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने चावंड में महाराणा प्रताप के समाधि स्थल को सुनियोजित ढंग से विकसित करने, प्रवेश द्वार और ब्रिज के निर्माण कार्यों को प्राथमिकता देने और चेतक के विशाल स्मारक की योजना को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
तनोट माता मंदिर में सुविधाएं बढ़ेंगी
मुख्यमंत्री ने जैसलमेर के तनोट माता मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और यात्रा की बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने मंदिर के प्रवेश द्वार, धर्मशाला और संपर्क सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता और तीव्रता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
पूंछरी का लौठा विकास कार्यों में तेजी
शर्मा ने पूंछरी का लौठा और गोवर्धन परिक्रमा मार्ग के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए निविदा प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। उन्होंने कहा कि यह धाम विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन केंद्र बने, इसके लिए हर सुविधा विकसित की जानी चाहिए।




