🔥 महोबा में लेखपाल की असंवेदनशीलता उजागर
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र स्थित महोबा जिले में एक लेखपाल की बेहद अमानवीय टिप्पणी सामने आई है, जिसने प्रशासनिक संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आगजनी पीड़ित ग्रामीण से कथित रूप से कहा गया कि यदि वह मोटरसाइकिल सहित ट्रक के नीचे मर जाए तो उसे पांच लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।
📍 चंदौली गांव का मामला
यह मामला चरखारी तहसील के चंदौली गांव का है। यहां रहने वाले शिव प्रसाद और उनकी पत्नी फुलिया के घर में 1 दिसंबर को आग लग गई थी, जिसमें लाखों रुपये का सामान जल गया। परिवार के चार बेटे बाहर मजदूरी कर रहे थे।
📄 नुकसान का आंकलन और विवाद
लेखपाल द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट में करीब तीन लाख रुपये का नुकसान दर्शाया गया था, लेकिन बाद में पीड़ित परिवार को केवल चार हजार रुपये का मुआवजा मिलने की बात कही गई।
जब पीड़ित के बेटे राघवेंद्र ने अधिक मुआवजे की मांग की, तो कथित तौर पर लेखपाल ने यह विवादित बयान दिया, जिसका ऑडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
🎧 ऑडियो वायरल, प्रशासन हरकत में
इस वायरल ऑडियो के बाद मामला तूल पकड़ चुका है। लोग लेखपाल की मानसिकता और सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।
🏛️ प्रशासन की प्रतिक्रिया
चरखारी तहसीलदार आर.एन. मिश्रा ने कहा कि –
“मामले की जांच की जा रही है। वायरल ऑडियो की सत्यता की पुष्टि के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
⚖️ मानवता और प्रशासन पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आपदा में पीड़ित लोगों को संवेदनशील प्रशासन की जरूरत होती है, न कि ऐसी अमानवीय सलाह की।




