मालदह जिले में एचआईवी-एड्स का बढ़ता खतरा : तीन हजार से अधिक मरीज, 300 नाबालिग
मालदह, 01 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के मालदह जिले में एचआईवी-एड्स की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार जिले में अब तक 3,100 एचआईवी संक्रमित मरीज दर्ज किए गए हैं। इनमें 15 वर्ष से कम उम्र के 300 नाबालिग शामिल हैं। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुदीप्त भादुड़ी ने इस स्थिति को “अत्यंत चिंताजनक” बताया है।
काला ज्वर और टीबी के मरीजों में भी एचआईवी संक्रमण
स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि हाल के वर्षों में काला ज्वर से हुई मौतों की जांच के दौरान बड़ी संख्या में मरीज एचआईवी पॉजिटिव पाए गए।
इसी प्रकार टीबी से पीड़ित कई मरीजों में भी एचआईवी की पुष्टि हुई है।
टीबी से हो रही मौतों का सिलसिला अभी भी जारी है, जिससे विभाग की चिंता और बढ़ गई है।
विशेष चिकित्सकीय टीम और निगरानी
जिले के स्वास्थ्य विभाग ने एचआईवी रोकथाम और प्रबंधन के लिए विशेष कदम उठाए हैं—
- चिकित्सकों की विशेष टीम गठित
- एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष देखभाल योजना
- संक्रमित बच्चों के लिए अलग उपचार प्रोटोकॉल
- संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी निगरानी और नियमित मॉनीटरिंग
जागरूकता अभियान तेज
स्वास्थ्य विभाग जिले में व्यापक जागरूकता अभियान चला रहा है।
इसके लिए—
- जिला प्रशासन
- नगर पालिका
- पंचायत प्रतिनिधि
के साथ मिलकर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
साथ ही एक विशेष टैब्लो तैयार किया गया है, जो गांव-गांव घूमकर लोगों को एचआईवी रोकथाम और जांच के महत्व के बारे में जानकारी दे रहा है।
लक्ष्य : एड्स-मुक्त समाज
मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि लक्ष्य सिर्फ मरीजों का उपचार करना नहीं, बल्कि भविष्य में एक एड्स-मुक्त समाज बनाना है। इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।




