🗓️ हुगली, 15 जून (हि.स.)
शनिवार सुबह हुगली जिले में हुई एक ट्रेन दुर्घटना के बाद मानवता की एक जीवंत मिसाल देखने को मिली, जब राजकुमार ठाकुर नामक युवक ने अपने साहस और संवेदनशीलता से एक घायल महिला की जान बचाई।
🚨 क्या हुआ हादसे में?
- घटना शनिवार सुबह करीब 9:30 से 10:00 बजे के बीच की है।
- एक महिला रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गई।
- उसका शरीर खून से लथपथ था, और वह तड़प रही थी।
- महिला के साथ उसका एक छोटा बच्चा भी मौजूद था।
👥 लोग देखते रहे, युवक ने दिखाई हिम्मत
- मौके पर मौजूद लोगों में यह डर था कि अगर घायल को अस्पताल ले जाया गया, तो पुलिस परेशान कर सकती है।
- लेकिन राजकुमार ठाकुर ने बिना डरे न केवल महिला को उठाया, बल्कि बच्चे सहित उसे श्रीरामपुर वॉल्श अस्पताल पहुंचाया।
- अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि महिला को 38 टांके लगे हैं। शनिवार देर रात उसे होश आ गया है, लेकिन अभी वह बोल नहीं पा रही।
👮 पुलिस की प्रतिक्रिया
- जीआरपी टीम ने मौके पर पहुंचकर राजकुमार से पूरी जानकारी ली।
- महिला की हालत अब स्थिर है और वह धीरे-धीरे सुधर रही है।
🗣️ राजकुमार ठाकुर बोले:
“मानवता से बढ़कर कुछ नहीं होता।
अगर मुझे इसके लिए परेशान भी किया जाता, तब भी कोई बात नहीं।
मैं किसी को यूं तड़पता हुआ नहीं देख सकता था।”
⚖️ सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश:
- किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले को कानूनी रूप से कोई परेशानी नहीं दी जा सकती।
- इसके बावजूद समाज में पुलिस के डर की वजह से लोग मदद करने से कतराते हैं।
🙏 सलाम ऐसे नागरिक को
राजकुमार ठाकुर जैसे लोग समाज की संवेदनशीलता और इंसानियत के असली प्रतिनिधि हैं।
उनका साहस यह बताता है कि अगर इरादे नेक हों, तो एक आम इंसान भी किसी की जिंदगी बचा सकता है।