📍 लोहरदगा, 13 जून (हि.स.) — समाहरणालय मैदान में शुक्रवार को आम उत्सव-सह-बागवानी मेला का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला उपायुक्त (डीसी) कुमार ताराचंद ने किया। उन्होंने इस अवसर पर किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि लोहरदगा जिले के पास कृषि और बागवानी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।
🔹 प्रमुख बातें डीसी कुमार ताराचंद के संबोधन से:
- लोहरदगा “बॉक्साइट नगरी” के साथ-साथ “आम और दूध की नगरी” भी बन सकता है।
- जिले में आम की उत्कृष्ट किस्म की खेती होती है, जिसे सप्लाई चैन के माध्यम से पड़ोसी राज्यों तक पहुंचाया जा सकता है।
- किसान अब महज़ उत्पादक नहीं, एंटरप्रेन्योर भी बन सकते हैं, यदि वे बाजार की समझ और निवेश की सोच के साथ आगे बढ़ें।
- दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने पर भी जोर, जिससे स्वरोजगार और गांवों की अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है।
- किसानों को सलाह दी गई कि वे अपने क्षेत्र की मिट्टी और जलवायु के अनुसार फसलें चुनें और तकनीकी सहायता के लिए प्रशासन से जुड़ें।
- जिला प्रशासन हर कदम पर किसानों के साथ खड़ा रहेगा।
🔹 कार्यक्रम की विशेषताएं:
- स्थानीय आमों की विभिन्न किस्मों की प्रदर्शनी लगाई गई।
- बागवानी उत्पाद, जैविक खाद और खेती से जुड़ी तकनीकों का प्रदर्शन।
- कृषक सलाह केंद्र और स्टॉल्स में कृषि विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन।
- बड़ी संख्या में किसान, कृषि उद्यमी, अधिकारियों और आम नागरिकों की उपस्थिति।
🔹 नवाचार और भविष्य की दिशा:
यह मेला कृषि को लाभकारी व्यवसाय में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। डीसी के विज़न के अनुसार यदि संगठित प्रयासों और सरकारी सहयोग से आगे बढ़ा जाए तो लोहरदगा अगले 5 वर्षों में कृषि नवाचार का मॉडल जिला बन सकता है।