प्राचीन मंदिर का महत्व
संभल के 141 साल पुराने मनोकामना मंदिर को उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख केंद्र बनाने की योजना बना रहा है। इस परियोजना पर 171 लाख रुपये खर्च होंगे। यह प्रयास मंदिर के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को सामने लाएगा।
धार्मिक और पौराणिक पहचान
मनोकामना मंदिर महान संत बाबा राम मणि की समाधि स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। स्थानीय लोग इसे चमत्कारी उपचार और आस्था का केंद्र मानते हैं। पौराणिक मान्यता है कि भगवान विष्णु का 10वां अवतार कल्कि रूप संभल में होगा, जिससे मंदिर का महत्व और बढ़ गया है।
मंदिर परिसर और कुंड
मंदिर परिसर में हनुमान, राम जानकी और देवजी मंदिर सहित प्राचीन कुंड स्थित है। कुंड स्नान की प्राचीन मान्यता रही कि इससे मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर 20 बीघा में फैला है, जिसमें राधा-कृष्ण मंदिर, शिवालय और गंगा देवी मंदिर शामिल हैं।
संभल पर्यटन में वृद्धि
संभल जिले में पर्यटन लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2024 में 43 लाख से अधिक पर्यटक आए, और 2025 के पहले तीन महीनों में 13 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे। मनोकामना मंदिर के विकास से संभल पर्यटन को और मजबूती मिलेगी।
भविष्य की योजना
उत्तर प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के अनुसार, मंदिर के आसपास सुविधाओं का विकास होगा। इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों को बेहतर अनुभव मिलेगा। संभल जल्द ही धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सकता है।




