विषयों की कमी से जूझते छात्र: कब मिलेगा समाधान?
अल्मोड़ा, 19 जुलाई (हि.स.)।
राजकीय महाविद्यालय मासी में बीए के लिए भूगोल, समाजशास्त्र और गृह विज्ञान जैसे प्रमुख विषय अब तक स्वीकृत नहीं हो पाए हैं। इसका सीधा असर छात्रों पर पड़ रहा है, जिन्हें मजबूरी में दूसरे महाविद्यालयों या शहरों की ओर रुख करना पड़ता है।
कॉलेज की स्थापना से उम्मीदें थीं बड़ी, पर सुविधाएं अधूरी
2001 में शुरू हुए इस महाविद्यालय से स्थानीय युवाओं को बेहतर शिक्षा की उम्मीद जगी थी। फिलहाल यहां हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास और शिक्षाशास्त्र की पढ़ाई होती है। लेकिन राजकीय महाविद्यालय मासी में भूगोल और समाजशास्त्र जैसे विषयों की अनुपलब्धता छात्रों के करियर की राह में बाधा बन रही है।
छात्रों की मजबूरी: दूसरे शहरों की दौड़
इन विषयों में पढ़ाई करने वाले छात्र पहले जिला मुख्यालय या एसएसजेडी परिसर की ओर रुख करते हैं। लेकिन सीटें सीमित होने पर उन्हें हल्द्वानी जैसे शहरों में दाखिला लेना पड़ता है। आर्थिक रूप से कमजोर छात्र इस अतिरिक्त खर्च को वहन नहीं कर पाते और उनकी शिक्षा अधूरी रह जाती है।
प्राचार्य का जवाब और आशा की किरण
महाविद्यालय के प्राचार्य ए.के. शुक्ला ने बताया कि समाजशास्त्र विषय के लिए प्रस्ताव उच्च शिक्षा निदेशालय को भेजा गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि कॉलेज का भवन न होने से विषयों की मंजूरी में विलंब हो रहा है। भवन निर्माण के बाद और विषयों के लिए भी प्रस्ताव भेजे जाएंगे।