नई दिल्ली, 17 जून (हि.स.)।
ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच ईरान और इराक में फंसे भारतीय तीर्थयात्रियों व छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास तेज हो गए हैं।
लखनऊ स्थित प्रसिद्ध शिया धर्मगुरु अब्बास नकवी ने इस विषय में विदेश मंत्री S. जयशंकर को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
मौलाना नकवी ने बताया कि –
भारत से ईरान-इराक गए तीर्थयात्री और छात्र इस समय बेहद संकट में हैं।
युद्ध के कारण दोनों देशों की अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हो चुकी हैं।
इससे ईरान में लगभग 800 तीर्थयात्री और 1500 छात्र, जबकि इराक में 850 तीर्थयात्री और 800 छात्र फंसे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को तुरंत इन नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ठोस योजना बनानी चाहिए।
मौलाना ने यह भी सुझाव दिया है कि –
यदि हवाई मार्ग बंद हो तो ईरान से सड़क के रास्ते आर्मेनिया पहुंचाकर उन्हें वहां से भारत लाया जा सकता है।
हालांकि, मौजूदा हालात में यह रास्ता खतरनाक हो सकता है
क्योंकि युद्ध क्षेत्र में मिसाइल और हवाई हमलों का जोखिम बना हुआ है।
मौलाना नकवी ने बताया कि –
- जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस मामले को लेकर चिंता जताई है
- और केंद्र सरकार से उचित कदम उठाने की मांग की है।
👉 भारत सरकार से उम्मीद है कि ‘ऑपरेशन गंगा’ जैसे अभियान की तर्ज पर इन फंसे हुए भारतीयों को जल्द वतन लौटाया जाएगा।