लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित रैली में सपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब समाजवादी पार्टी सत्ता में होती है, तब हमारे संत, महापुरुष और पीडीए उन्हें याद नहीं आते। सत्ता से बाहर होने पर ही इनके नाम का गुणगान शुरू हो जाता है।
बसपा प्रमुख ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सपा का यह दोहरा चरित्र लोगों को सावधान करने योग्य है। कांशीराम जी के जीवनकाल में सपा ने उनके आंदोलन को कमजोर करने की लगातार कोशिशें की और उनके द्वारा स्थापित संस्थाओं के नाम बदल दिए।
मायावती ने कहा कि समय-समय पर सपा और कांग्रेस का कांशीराम को स्मरण करना वास्तव में दिखावा और छलावा है। उन्होंने दलित विरोधी राजनीति और संकीर्ण सोच के लिए सपा की आलोचना की।
बसपा प्रमुख ने मौजूदा भाजपा सरकार का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महापुरुषों के स्मारक और रैली स्थल की मरम्मत के लिए सरकार ने खर्च किया और इस सहयोग के लिए धन्यवाद प्रकट किया।
रैली में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए, जिसमें पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और उत्तराखंड से भी समर्थक पहुंचे। मायावती ने कहा कि यह भीड़ स्वयं चलकर आई है, न कि किसी दिहाड़ी पर।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बसपा की सत्ता में वापसी ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्प आय वर्ग के लोगों की भलाई का एकमात्र रास्ता है।