एमबीबीएस में एडमिशन के नाम पर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार
लखनऊ साइबर क्राइम सेल ने बुधवार को एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो एमबीबीएस, डीफार्मा और इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने यूपी, बिहार, दिल्ली और अन्य राज्यों में कई अभ्यर्थियों से बड़ी रकम ऐंठी है।
फर्जी वेबसाइट और कंसल्टेंसी बनाकर देते थे लालच
साइबर क्राइम प्रभारी बृजेश कुमार यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में
- प्रेमशंकर विद्यार्थी उर्फ अभिनव शर्मा (सरगना), निवासी औरंगाबाद, बिहार
- संतोष कुमार, निवासी समस्तीपुर, बिहार
शामिल हैं।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान ₹5 लाख नकद, मोबाइल, 6 CPU, 6 मॉनिटर, फर्जी विभागीय मोहरें, चेकबुक सहित पूरा ठगी सेटअप बरामद किया।
गिरोह NEET अभ्यर्थियों का डाटा खरीदकर उन्हें मैनेजमेंट कोटे में एमबीबीएस सीट दिलाने का झांसा देता था। फर्जी वेबसाइट, इंस्टाग्राम पेज और एडमिशन कंसल्टेंसी बनाकर वे खुद को बड़े मेडिकल कॉलेजों का प्रतिनिधि बताते थे।
शिकायत पर खुला मामला
पीड़ित विजय बहादुर (इंदिरानगर) ने शिकायत की कि कुछ लोगों ने खुद को हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से जुड़ा बताकर उससे ₹45 लाख की ठगी की। जांच में पता चला कि गिरोह पहले भी कई लोगों को निशाना बना चुका है—
- राजेश वर्मा – ₹20 लाख
- दीप सिंह – ₹38 लाख
- प्रीति सिंह – ₹23 लाख
- अनिल कुमार – ₹18 लाख
- स्मिता राव – ₹45 लाख
कई राज्यों में दर्ज हैं मुकदमे
मुख्य आरोपी प्रेमशंकर कई वर्षों से फर्जी एडमिशन कंसल्टेंसी चलाकर फरारी की जिंदगी जी रहा था। वह कई फर्जी आईडी और नामों का उपयोग करता था। पुलिस ने उसे कठौता झील के पास से गिरफ्तार किया, जब वह अपने नेटवर्क से मिलने पहुँचा था।




