📍 तेहरान/तेल अवीव, 16 जून (हि.स.) — ईरान और इजराइल ने शांति के लिए किए गए अंतरराष्ट्रीय आह्वान को दरकिनार करते हुए एक-दूसरे की सरजमीं पर मिसाइल हमले तेज कर दिए हैं। रविवार को दोनों देशों ने आबादी वाले इलाकों को निशाना बनाया, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं।
🔥 तनाव के बीच परमाणु वार्ता स्थगित
👉 अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ता, जो रविवार को होनी थी, उसे अधिकारियों ने रद्द कर दिया है।
👉 इस कदम से साफ है कि मौजूदा संघर्ष का असर कूटनीतिक प्रयासों पर पड़ने लगा है।
🇮🇱 इजराइल का दावा: निशाना था ईरान का परमाणु ढांचा
इजराइली रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि शुक्रवार को किए गए हमले ईरान के परमाणु बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करने के उद्देश्य से किए गए थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमले रोकने का कोई इरादा नहीं है।
🇮🇷 ईरान की चेतावनी: हमला जारी रहा तो जवाब और तीखा होगा
ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने चेतावनी दी है कि यदि इजराइल हमले नहीं रोकता, तो ईरान जवाबी कार्रवाई और तेज करेगा।
एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने कहा,
“हमें उम्मीद नहीं थी कि परमाणु वार्ता के दूसरे दौर से पहले ही इजराइल हमला करेगा।”
🕊️ अमेरिका की अपील: “अब समझौते की ज़रूरत”
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों से तत्काल संघर्षविराम और समझौते की अपील की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:
“ईरान और इजराइल को एक समझौते पर पहुँचना चाहिए। अभी कई कॉल्स और बैठकें चल रही हैं।”
🌍 अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ी
इस लगातार बढ़ते संघर्ष ने संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अमेरिका सहित कई देशों की चिंता बढ़ा दी है। वैश्विक स्तर पर आशंका जताई जा रही है कि यदि हालात काबू में नहीं आए, तो यह संघर्ष क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है।
📌 निष्कर्ष:
ईरान और इजराइल के बीच हालिया टकराव ने शांति प्रयासों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर कूटनीतिक समाधान की उम्मीदें धुंधली हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर मिसाइल हमलों से आम नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ती दिख रही है।